उत्तर प्रदेश सेक्रामेंटल (सांस्कारिक) वाइन नियमावली, 1959[1]
1. संक्षिप्त शीर्षक-यह नियमावली उत्तर प्रदेश सेक्रामेंटल (सांस्कारिक) वाइन नियमावली, 1959 कही जायगी।
2. परिभाषायें –जब तक विषय या सन्दर्भ में कोई चीज प्रतिकूल न हो, तब तक-
(क) “अधिनियम” से तात्पर्य संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 (1910 का अधिनियम, संख्या 4) से है।
(ख) “विशप” से तात्पर्य-धर्म प्रदेश के गवर्नर के रूप में प्रतिष्ठित रोमन कैथोलिक या एगलीकन चर्च का पादरी।
(ग) “विनिर्माणशाला” से तात्पर्य-लाइसेंस में सांस्कारिक वाइन के विनिर्माण के लिए विनिर्दिष्ट कक्ष या भवन से है।
(घ) “सांस्कारिक वाइन” से तात्पर्य उत्तर प्रदेश में रोमन कैथोलिक चर्च में सामूहिक पवित्र पूजा करने या एग्लीकन चर्च में प्रभु भोज करने के लिए किशमिश से तैयार वाइन से है।
3. लाइसेंस के प्रदान करने पर प्रतिबन्ध-सांस्कारिक वाइन के विनिर्माण के लिए कोई लाइसेन्स प्रदान नहीं किया जायगा, यदि लाइसेंसधारी रोमन कैथोलिक या एगलिकन चर्च का विशप या पादरी नहीं है।
4. लाइसेन्स के लिए आवेदन पत्र सांस्कारिक वाइन के विनिर्माण के लिए सम्बन्धित जिले के कलेक्टर के माध्यम से लिखित में आवेदन पत्र आबकारी आयुक्त को दिया जायगा।
(ख) आवेदन पत्र के साथ होंगे-
(i) स्थान, जहाँ सांस्कारिक वाइन का विनिर्माण करना प्रस्तावित है, का संक्षिप्त विवरण,
(ii) सांस्कारिक वाइन की लगभग मात्रा, जिसे विनिर्मित करना प्रस्तावित है और धर्म प्रदेश तथा चर्च, जिसके लिये वाइन का उपयोग करना है, के नाम।
5. लाइसेन्स का निर्गम-आबकारी आयुक्त धर्म प्रदेश के विशप की सिफारिश पर आगामी वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होने वाली एक वर्ष से अनधिक अवधि के लिए निर्धारित प्रारूप में लाइसेन्स प्रदान कर सकता है।
6. लाइसेन्स का नवीकरण-लाइसेन्स के नवीकरण के लिए आवेदन पत्र उसके समाप्त होने के कम से कम एक मास पूर्व आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश को सम्बन्धित कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया जायगा।
[2]7. सांस्कारिक वाइन का परिवहन-(1) इस प्रकार प्रदान किये गये लाइसेंस के अन्तर्गत बनायी गयी सांस्कारिक वाइन सम्बन्धित धर्म के विशप के प्राधिकार के अधीन के सिवाय हटायी नहीं जायेगी।
(2) सेक्रामेन्टल वाइन निर्माता अनुज्ञापी आबकारी आयुक्त से सेक्रामेन्टल (सांस्कारिक) वाइन का आयात करने तथा कब्जे में रखने का परमिट प्राप्त कर सकता है।
[3]8. आबकारी शुल्क-(1) इस नियमावली के अधीन विनिर्मित किये गये या आयातित सेक्रामेन्टल (सांस्कारिक) वाइन पर कोई आबकारी शुल्क/प्रतिफल शुल्क प्रभारित नहीं किया जायेगा।
(2) आयातित सेक्रामेन्टल (सांस्कारिक) वाइन की वह मात्रा, जिसे आबकारी शुल्क/प्रतिफल शुल्क से मुक्त किया गया है, वह समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जायगी।
(टिप्पणी-उत्तर प्रदेश सेक्रामेंटल (सांस्कारिक) वाइन संशोधन नियमावली, 2008, उत्तर प्रदेश गजट, असाधारण, भाग 1, खण्ड (क) दिनांक जनवरी 11, 2008 में प्रकाशित।)
Footnote
[1] आ० आ० वि० सं० 10758/दो-902 दिनांक जून 20, 1959 द्वारा विज्ञापित।
[2] उत्तर प्रदेश सेक्रामेंटल (सांस्कारिक) वाइन संशोधन नियमावली, 2008 द्वारा प्रतिस्थापित।
[3] उत्तर प्रदेश सेक्रामेंटल (सांस्कारिक) वाइन संशोधन नियमावली, 2008 द्वारा प्रतिस्थापित।