उत्तर प्रदेश आबकारी (देशी शराब की फुटकर बिक्री के लिये अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2002 (सत्रहवें संशोधन-2024 तक संशोधित)
1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ
(एक) यह नियमावली उत्तर प्रदेश आबकारी (देशी शराब की फुटकर बिक्री के लिये अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2002 कही जायेगी।
(दो) यह गजट में प्रकाशित होने के दिनांक से प्रवृत्त होगी।
2. परिभाषाएं
(1) जब तक विषय या संदर्भ में कोई बात प्रतिकूल न हो इस नियमावली मेंः-
(क) “अधिनियम” का तात्पर्य समय-समय पर यथा संशोधित संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 से है;
(ख) “अतिरिक्त प्रतिफल फीस” का तात्पर्य देशी शराब के आप्टिमम रिटेल प्राइस को पांच रुपये के अगले गुणक तक पूर्णांकित किये जाने के फलस्वरुप प्राप्त अन्तर की धनराशि से है, जो आसवनी स्तर पर संदेय होगी तथा आसवनी द्वारा थोक आपूर्तिकर्ता से एक्स डिस्टिलरी प्राइस के अतिरिक्त वसूलनीय होगी और जो थोक आपूर्तिकर्ता द्वारा फुटकर लाइसेंसधारी से अधिकतम थोक मूल्य के अतिरिक्त वसूल की जा सकेगी, किन्तु अतिरिक्त प्रतिफल फीस की यह धनराशि, फुटकर लाइसेंसधारी द्वारा संदेय लाइसेंस फीस के सापेक्ष समायोजित नहीं की जायेगी;
(ग) “वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा” का तात्पर्य आबकारी आयुक्त द्वारा जारी सामान्य या विनिर्दिष्ट अनुदेशों के अनुसरण में लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा यथा नियत और लाइसेंसधारी द्वारा फुटकर बिक्री के प्रयोजनार्थ आबकारी वर्ष में अपनी फुटकर दुकान के लिए उसके द्वारा उठाई जाने वाली प्रत्याभूत तीव्र देशी शराब (36 प्रतिशत वी/वी के रुप में) की मात्रा से है। तथापि, यदि आबकारी वर्ष के प्रारम्भ के पश्चात् कोई लाइसेंस दिया जाता है, तो आबकारी वर्ष में शेष दिनों की संख्या के अनुसार अनुपातिक रूप से उनकी न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत मात्रा को घटा दिया जायेगा;
(घ) “बेसिक लाइसेंस फीस” का तात्पर्य अधिनियम की धारा 24 के अधीन देशी शराब की फुटकर बिक्री के एकान्तिक विशेषाधिकार हेतु सम्पूर्ण आबकारी वर्ष या उसके भाग के लिए लाइसेंस प्रदान किए जाने के निमित्त प्रतिफल के उस भाग से है, जो लाइसेंसधारी के रूप में चयनित व्यक्ति द्वारा, उसको लाइसेंस प्रदान किए जाने के पूर्व, ऐसी दरों पर, जैसा कि समय-समय पर राज्य सरकार के परामर्श से आबकारी आयुक्त द्वारा अधिसूचित की जाय, भुगतान किया जाय।
परन्तु यह कि यदि व्यवस्थापन मध्य सत्र में होता है, तो बेसिक लाइसेंस फीस अवशेष अवधि के न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा के समानुपातिक होगी,
(ङ) “प्रतिफल फीस” का तात्पर्य आबकारी अधिनियम की धारा-30 के अधीन राज्य सरकार द्वारा देशी शराब की संद्रता के अनुसार प्रति लीटर की दर से निर्धारित फीस से है, जो देशी शराब की आपूर्ति करने से पूर्व लाइसेंसधारी द्वारा सरकारी कोषागार में जमा की जायेगी;
(च) “देशी शराब” में एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ई0एन0ए0) से निर्मित ऐसी अल्कोहलीय सांद्रता वाली 25 प्रतिशत (सुवासित), 36 प्रतिशत (मसाला) शराब और 42.8 प्रतिशत (मसाला) वाली उत्तर प्रदेश निर्मित शराब (यू०पी०एम०एल०) भी सम्मिलित है, जैसा कि समय-समय पर राज्य सरकार की पूर्व अनुमति से आबकारी आयुक्त द्वारा नियत की जाय;
(छ) “दैनिक बेसिक लाइसेंस फीस” का तात्पर्य प्रतिफल शुल्क के उस भाग से है, जो कि अन्तरिम लाइसेंस के प्राप्तकर्ता द्वारा ऐसी दर से देय होगी जैसा कि राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से आबकारी आयुक्त द्वारा अधिसूचित की जाय;
(ज) “दैनिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा” वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा का 1/365 वाँ भाग होगी,
(झ)”धरोहर धनराशि” का तात्पर्य लाइसेंस प्रदान करने के लिये पात्रता की शर्तों की पूर्ति सुनिश्चित किये जाने के लिये आवेदन-पत्र के साथ प्रस्तुत की जाने वाली बेसिक लाइसेंस फीस की धनराशि के 1/10 भाग के बराबर धनराशि से है, जो व्यतिक्रम की दशा में इस नियमावली के नियम 12 के उपबन्धों के अधीन जब्त किये जाने योग्य होगी;
(ञ) “आबकारी वर्ष” का तात्पर्य 01 अप्रैल से प्रारम्भ होकर आगामी कलेन्डर वर्ष के 31 मार्च तक चलने वाले वित्तीय वर्ष से है;
(ट) “परिवार” का तात्पर्य दम्पत्ति (पति या पत्नी), आश्रित पुत्रों, अविवाहित पुत्रियों और आश्रित माता-पिता से है और वे इसमें शामिल हैं;
(ठ) “प्रपत्र” का तात्पर्य इस नियमावली के साथ संलग्न प्रपत्र से है;
(ड) “अनुक्रम” का तात्पर्य ई/लाटरी प्रक्रिया के माध्यम से लाइसेंसधारी के चयन के लिये कथित आधार दुकानों की धरोहर धनराशि के अवरोही क्रम से है;
(ढ) “व्यक्ति” का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो इक्कीस वर्ष की आयु से अन्यून, भारत का नागरिक हो;
(ण) “लाइसेंस प्राधिकारी” का तात्पर्य जिले के कलेक्टर से है;
(त) “लाइसेंस फीस” का तात्पर्य बेसिक लाइसेंस फीस के अतिरिक्त, आबकारी अधिनियम की धारा 24 के अधीन देशी शराब की फुटकर बिक्री के एकान्तिक विशेषाधिकार के लिए लाइसेंस प्रदान किए जाने के लिए प्रतिफल के शेष भाग से है, जो लाइसेंसधारी द्वारा देय होगी। यह धनराशि दुकान के लिए नियत वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा पर उदग्रहणीय प्रतिफल फीस के बराबर होगी;
परन्तु यदि व्यवस्थापन मध्य सत्र में होता है, तो यह अवशेष अवधि की न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा में निहित प्रतिफल फीस के बराबर होगी;
(थ) “लाइसेंस फीस की मासिक किस्त” बेसिक लाइसेंस फीस के अतिरिक्त होगी जो लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा निर्धारित मासिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा में निहित प्रतिफल फीस के बराबर होगी और प्रत्येक माह देय होगी। तथापि लाइसेंसधारी द्वारा एक माह में उठाई गई देशी शराब की मात्रा में निहित प्रतिफल फीस का समायोजन नियमावली के उपबन्धों के अधीन रहते हुए लाइसेंस फीस की मासिक किस्त के प्रति किया जा सकता है;
(द) “‘मासिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा” वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा को बारह समान भागों में विभाजित किया जायेगा। इस प्रकार की गणना में प्राप्त मात्रा मासिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा होगी;
(ध) “पोर्टल” का तात्पर्य विनिर्दिष्ट रूप से निर्मित इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म, जिस पर मदिरा विनिर्माण की प्रक्रिया से सम्बन्धित इसके वितरण के समाप्य अवस्था तक की सूचनाओं को विहित प्रारूप में अपलोड किये जाने के प्रयोजन से है;
(न) “प्रतिभूति धनराशि” का तात्पर्य बेसिक लाइसेंस फीस के अतिरिक्त लाइसेंस फीस के 1/10वाँ भाग के बराबर धनराशि से है, जो जिला आबकारी अधिकारी के पक्ष में गिरवीकृत सावधि जमा रसीद के माध्यम से अथवा ई-पेमेन्ट के माध्यम से जमा की जायेगी और जो राज्य सरकार के समस्त दावों और देयों के अन्तरिम व्यवस्थापन के बाद वापसी योग्य होगी;
परन्तु नवीकरण की स्थिति में, पूर्व में नकद या राष्ट्रीय बचत पत्र (एन० एस०सी०) अथवा बैंक गारंटी के माध्यम से जमा की गयी प्रतिभूति तब तक मान्य होगी, जब तक इसकी वापसी न कर दी जाय।
(प) “व्यवस्थापन” का तात्पर्य नवीकरण, ई-लाटरी अथवा ई-टेण्डर के माध्यम से दुकानों के व्यवस्थापन अथवा पुर्नव्यवस्थापन से है, जो समाचार-पत्र एवं आबकारी विभाग की वेबसाइट के माध्यम से पूर्व नोटिस एवं संसूचना देकर सप्ताह के किसी दिन में हो सकता है। आगामी वर्ष के लिये दुकानों का व्यवस्थापन विगत वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व किया जा सकता है।
(फ) “ऋणशोधन क्षमता” का तात्पर्य फुटकर लाइसेंस की स्वीकृति के लिये आवेदन करने हेतु आवेदक के लिये निर्धारित वित्तीय अर्हता के मानदण्ड से है;
(ब) “उत्तर प्रदेश निर्मित शराब (यू०पी०एम०एल०)” का तात्पर्य ग्रेन एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ई०एन०ए०) से विनिर्मित ऐसी अल्कोहलीय सांद्रता वाली देशी स्प्रिट (मसाला) से है, जैसा कि समय-समय पर राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से आबकारी आयुक्त द्वारा नियत की जाय।
(2) इस नियमावली में अपरिभाषित किन्तु अधिनियम में परिभाषित शब्दों और पदों के वही अर्थ होंगे जो अधिनियम में क्रमशः उनके लिए समनुदेशित हों।
3. फुटकर बिक्री के लिए अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन
(क) इस नियमावली के उपबन्धों और बेसिक लाइसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि के भुगतान के अधीन रहते हुए, देशी शराब की बिक्री के लिए फुटकर दुकान का इसमें यथाविनिर्दिष्ट निर्धारित फीस प्रणाली द्वारा अथवा ऑफर आमंत्रित कर व्यवस्थापन या पुनव्र्यवस्थापन किया जायेगा।
(ख) भू-गृहादि के अन्दर और उसके बाहर दोनों ही प्रकार से उपभोग के लिए मुहरबन्द बोतलों और आबकारी आयुक्त द्वारा समय-समय पर यथा अनुमोदित ऐसे पात्रों में देशी शराब की फुटकर बिक्री के लिये लाइसेंस प्रपत्र दे0श0-5ग में प्रदान किया जायेगा।
(ग) ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम 2016 के अनुसार दुकानों पर उपभोग किये जाने के बाद खाली हुई पेट /शीशे की बोतलों/टेट्रापैक्स एवं उन पर प्रयुक्त ढक्कनों को नष्ट करके हटाने की जिम्मेदारी दुकान के विक्रेता/आसवक की होगी।
4. फुटकर दुकानों की संख्या और स्थिति के निर्धारण की शक्ति
राज्य सरकार या आबकारी आयुक्त द्वारा समय-समय पर निर्गत सामान्य या विनिर्दिष्ट अनुदेशों के अधीन लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा दुकानों की संख्या निर्धारित की जायेगी। दुकानों की प्रास्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दुकान को भू-टैग एवं जियो फेन्स किया जायेगा। दुकानों की स्थिति समय-समय पर यथासंशोधित उत्तर प्रदेश आबकारी दुकानों की संख्या और स्थिति नियमावली, 1968 के उपबन्धों के अनुसार होगी।
परन्तु राज्य सरकार या आबकारी आयुक्त द्वारा किसी आबकारी वर्ष में जिले के लाइसेंस प्राधिकारी की मांग पर नई दुकानों का सृजन किया जा सकता है।
5. लाइसेंस की अवधि
लाइसेंस की अवधि एक आबकारी वर्ष अथवा उसके भाग, जिसके लिये लाइसेंस स्वीकृत किया गया है, किन्तु लाइसेंसधारी की इच्छानुसार अनुज्ञापन अगले आबकारी वर्ष के लिये राज्य सरकार द्वारा यथा निर्धारित उपभोग के मानदण्ड के अनुसार नवीनीकृत अथवा विस्तारित किया जा सकेगा।
6. लाइसेंस की स्वीकृति
इस नियमावली के उपबन्धों के अनुसार बेसिक लाइसेंस फीस को अधिमानतः ई-पेमेन्ट प्लेटफार्म के माध्यम से भुगतान करने एवं जिला आबकारी अधिकारी के पक्ष में गिरवीकृत सावधि जमा रसीद के माध्यम से अथवा ई-पेमेन्ट द्वारा प्रतिभूति धनराशि जमा करने पर लाइसेंस निर्गत किया जायेगा।
परन्तु नवीकरण की स्थिति में पूर्व में नगद या राष्ट्रीय बचत पत्र (एन०एस०सी०) अथवा बैंक गारंटी के माध्यम से जमा की गयी प्रतिभूति तब तक मान्य होगी, जब तक इसकी वापसी न कर दी जाय। लाइसेंसधारी से यह अपेक्षा की जायेगी कि वह उस जिले में ऋणशोधन क्षमता प्रमाण पत्र या प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा जारी स्वामित्व सम्पत्ति प्रमाण पत्र की मूल प्रति प्रस्तुत करे, जहाँ से उसे लाइसेंस स्वीकृति के समय जारी किया गया हो।
7. अनुज्ञापन स्वीकृति के लिये आवेदन
(क) जब कभी किसी क्षेत्र या स्थान में नया लाइसेंस स्वीकृत करना प्रस्तावित हो, लाइसेंस प्राधिकारी, दैनिक समाचार-पत्रों, जिनके उस क्षेत्र में परिचालन हो, में व्यापक प्रचार और आबकारी विभाग की वेबसाइट (www.upexciseportal.in) के साथ-साथ जिला की वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के पश्चात् इस निमित्त आवेदन-पत्र आमंत्रित करेंगे।
(ख) देशी मदिरा की फुटकर दुकानों की सूची, जिनकी लाइसेंस की स्वीकृति कलेक्टर द्वारा प्रस्तावित है, को जिला आबकारी अधिकारी द्वारा एन०आई०सी० द्वारा विकसित किये गये शाप मास्टर पर अपलोड की जायेगी और इसके साथ ही साथ दुकानवार बेसिक लाइसेंस फीस, वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा, लाइसेंस फीस, प्रतिभूति धनराशि और धरोहर धनराशि की सूची को कलेक्टर के कार्यालय, तहसील कार्यालय, जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय और उप आबकारी आयुक्त प्रभार के कार्यालय में प्रदर्शित किया जायेगा। यह सूचना आबकारी विभाग की वेबसाइट (www.upexciseportal.in) के साथ-साथ प्रत्येक जिला की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित की जायेगी।
(ग) लाइसेंस की स्वीकृति के लिए आवेदन समाचार पत्रों में विज्ञापित समय-सारिणी के अनुसार ऑनलाइन जमा किये जायेंगे। आवेदन के साथ (एक) ऋणशोधन क्षमता प्रमाण-पत्र अथवा अधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा निर्गत सम्पत्ति स्वामित्व प्रमाण-पत्र (दो) पैनकार्ड (तीन) गतवर्ष की आयकर विवरणी की छायाप्रति (चार) विहित प्रारूप में शपथ-पत्र (पाँच) धरोहर धनराशि के बैंक ड्राफ्ट की स्कैन कॉपी जो सम्बन्धित दुकान के जिला के जिला आबकारी अधिकारी के पक्ष में जारी हो, को अपलोड करना अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार द्वारा यथानिर्धारित दर से प्रसंस्करण फीस व उस पर संदेय मूल्य संबंधित करध्माल और सेवा कर का भुगतान आनलाइन किया जायेगा ।
(घ) आवेदन पत्र प्राप्ति के लिए निर्धारित किया जाने वाला अन्तिम दिनांक, किसी समाचार पत्र और आबकारी विभाग की वेबसाइट (www.upexciseportal.in) में किए गए विज्ञापन में यथा नियत दिवसों से पूर्व नहीं होगा।
8. आवेदकों के लिये पात्रता की शर्तें
फुटकर देशी शराब की दुकान के लाइसेंस के लिए पात्र आवेदक को निम्नलिखित शर्तें अवश्य पूरी करनी होगी अर्थात्ः-
(क) आवेदन एक व्यक्ति द्वारा हो जो भारत का नागरिक हो, परन्तु नवीकरण की स्थिति में सह-आवेदक, यदि कोई हो, जो भारत का नागरिक हो, भी मान्य होगा।
भागीदार वाली फर्म अथवा कम्पनी फुटकर लाइसेंस स्वीकृति हेतु पात्र नहीं होंगी। इसी प्रकार थोक विक्रेता या आसवनी/मदिरा विनिर्माता भी किसी प्रकार की फुटकर दुकान का लाइसेंसधारण करने हेतु पात्र नहीं होगा।
दुकान के आवंटन के पश्चात् आवेदक की प्रास्थिति में कोई परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा। लाइसेंसधारी की मृत्यु की दशा में लाइसेंसधारी द्वारा दिये गये नामनिर्देशन शपथ पत्र (यदि कोई हो) नामनिर्दिशिती के अनुसार उल्लिखित विधिक वारिसों/परिवार के सदस्यों/निकट सम्बन्धियों के नाम, यदि अन्यथा अपात्र न हों, लाइसेंस की शेष अवधि के लिए लाइसेंस धारक बने रहने के लिये नामनिर्देशन शपथ पत्र में उल्लिखित वरीयता के अनुसार विचारित किये जायेंगे।
परन्तु यह कि मृतक लाइसेंसधारी के नामनिर्देशन शपथ पत्र की अनुपलब्धता की स्थिति में उसका विधिक वारिस लाइसेंस की शेष अवधि के लिए लाइसेंसधारक बना रह सकता है।
परन्तु यह और कि यदि संयुक्त रूप से दो व्यक्ति यों द्वारा लाइसेंस प्राप्त किया गया हो, तो किसी एक व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में, जीवित व्यक्ति एवं उपर्युक्तानुसार चयनित मृत लाइसेंसधारी का नामनिर्देशिती अथवा विधिक वारिस, यदि अन्यथा पात्र हों, लाइसेंस की शेष अवधि के लिए लाइसेंसधारक बना रह सकता है। दोनों व्यक्तियों के विधिक उत्तरदायित्वों में कोई भेद नहीं किया जायेगा जो सम्मिलित रूप से अलग-अलग उत्तरदायी होंगे।
(ख) आवेदन पत्र प्राप्त किये जाने के लिये नियत अवधि के प्रथम दिवस पर इक्कीस वर्ष की आयु से अधिक हो।
(ग) व्यतिक्रमी/काली सूची में सम्मिलित अथवा अधिनियम के अन्तर्गत बनाई गई किसी नियमावली के उपबन्धों के अन्तर्गत आबकारी लाइसेंस धारण करने से विवर्जित न किया गया हो। कोई व्यक्ति जिसे किसी न्यायालय द्वारा किसी आबकारी अपराध के लिए दोषसिद्ध किया गया हो, लाइसेंस धारण करने से स्वतः विवर्जित हो जायेगा जब तक कि उसे पूर्णतः और अन्तिम रूप से दोषमुक्त न कर दिया गया हो।
(गग) आवेदनकर्ता किसी एक दुकान के लिये स्वयं के नाम से मात्र एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिये पात्र होगा। परन्तु नवीकरण की स्थिति में आवेदक एवं सह-आवेदक दोनों आवेदन हेतु पात्र होगें तथा नवीकरण हेतु दोनों की सहमति आवश्यक होगी।
(घ) निम्नलिखित की पुष्टि में पब्लिक नोटरी द्वारा सम्यक रूप से अभिप्रमाणित शपथपत्र प्रस्तुत करेगा, अर्थातः-
(एक) यह कि समय-समय पर यथा संशोधित उत्तर प्रदेश आबकारी दुकानों की संख्या एवं स्थिति नियमावली, 1968 के उपबन्धों के अनुकूल उस स्थान पर दुकान खोलने हेतु उपयुक्त परिसर रखता है अथवा किराए पर उस स्थान पर उपयुक्त परिसर का प्रबन्ध कर सकता है।
(दो) यह कि दुकान के उसके प्रस्तावित परिसर के निर्माण में किसी विधि अथवा नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
(तीन) यह कि उसका एवं उसके परिवार के सदस्यों का नैतिक चरित्र अच्छा है और उनकी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम, 1910 या स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी अधिनियम 1985 के अधीन दण्डनीय किसी अपराध या किसी अन्य संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध के लिए दोषसिद्ध न किया गया हो।
(चार) यह कि लाइसेंसधारी के रूप में चयनित हो जाने की दशा में जिला, जहाँ का वह निवासी है, के जिला कलेक्टर या सम्बन्धित जिला के पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या सम्बन्धित पुलिस कमिश्नरी के पुलिस आयुक्त द्वारा नामनिर्दिष्ट, सहायक पुलिस आयुक्त रैंक के अनिम्न अधिकारी द्वारा जारी इस आशय का प्रमाण-पत्र लाइसेंस जारी होने के पूर्व प्रस्तुत करेगा कि उसका एवं उसके परिवार के सदस्यों का चरित्र अच्छा है एवं उनकी कोई अपराधिक पृष्ठभूमि या आपराधिक इतिहास नहीं है।
(पाँच) यह कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को बिक्रीकर्ता या प्रतिनिधि के रूप में नियोजित नहीं करेगा, जिसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि होगी, जैसा कि खण्ड-तीन में उल्लिखित है या जो किसी संक्रामक रोग से ग्रसित हो या इक्कीस वर्ष से कम आयु का हो या महिला हो। लाइसेंसधारी को जिला आबकारी अधिकारी से राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथाविहित फीस का संदाय करने पर प्राधिकृत विक्रेता/प्रतिनिधि का फोटो युक्त नौकरनामा प्राप्त करना होगा।
(छः) यह कि उस पर कोई लोक या राजकीय देयता का बकाया नहीं है।
(सात) यह कि वह ऋणशोधक्षम है और आवश्यक निधि रखता है या उसके कारोबार के संव्यवहार के लिए आवश्यक निधि का प्रबन्ध कर लिया है, जिसका ब्यौरा यदि अपेक्षित होगा, तो लाइसेंस प्राधिकारी को उपलब्ध करा देगा।
(आठ) यह कि यह सक्रिय रूप से माफिया गतिविधियों, असामाजिक कार्यों एवं संगठित अपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है। यदि लाइसेंस प्राप्त हो जाने के उपरान्त भी यह प्रमाणित हो जाता है कि वह सक्रिय रूप से माफिया गतिविधियों, असामाजिक कार्यों एवं संगठित अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है तो उसे प्रदान किया गया लाइसेंस निरस्त कर दिया जाये।
(नौ) यह कि आवेदक बार काउंसिल में रजिस्ट्रीकृत अधिवक्ता नहीं है। यदि लाइसेंस प्राप्त कर लेने पर उसे बार काउंसिल में रजिस्ट्रीकृत अधिवक्ता पाया जाता है तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाय। राज्य सरकार का कर्मचारी, लाइसेंस स्वीकृति हेतु आवेदन करने के लिये अनर्ह होगा।
(दस) यह कि लाइसेंसधारी के रूप में चयन हो जाने की स्थिति में चयन के 48 घंटे के भीतर बैंक ड्रॉफ्ट, जिसे ऑन-लाइन आवेदन के साथ अपलोड किया गया है, को जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में जमा करा देगा।
(ग्यारह) यह कि उसने धरोहर धनराशि के बैंक ड्राफ्ट का प्रयोग, इस चरण में किसी अन्य दुकान हेतु आवेदन में नहीं किया है।
(ङ) राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से आबकारी आयुक्त द्वारा यथा निर्धारित धरोहर धनराशि का बैंक ड्रॉफ्ट, जो सम्बन्धित दुकान के जिला आबकारी अधिकारी के पक्ष में जारी हो, की स्कैन प्रति, ऑनलाइन आवेदन के साथ अपलोड किया जायेगा।
लाइसेंसधारी के रूप में चयन हो जाने की दशा में धरोहर धनराशि का बैंक ड्राफ्ट चयन के पश्चात् अड़तालीस घंटे के अन्दर सम्बन्धित जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा, जिसे दुकान की सभी देयताओं के भुगतान पश्चात् आवेदक को वापस कर दिया जायेगा।
(झ) आवेदक ऋणशोधनक्षमता प्रमाण पत्र या प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा निर्गत सम्पत्ति का स्वामित्व प्रमाण-पत्र का धारक हो तथा उसकी ऋणशोधनक्षमता या प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा निर्गत सम्पत्ति का स्वामित्व प्रमाण-पत्र की मालियत जिला में आवेदित दुकान का लाइसेंस प्रदान करने के लिये अवधारित बेसिक लाइसेंस फीस व लाइसेंस फीस के योग के 1/6 भाग के समतुल्य धनराशि से कम नहीं होगी।
परन्तु नवीकरण की स्थिति में गत वर्ष के व्यवस्थापन के दौरान प्रस्तुत किये गये ऋणशोधन क्षमता प्रमाण पत्र अथवा प्राधिकृत आयकर मूल्यांकक द्वारा जारी सम्पति स्वामित्व प्रमाण पत्र, यदि वैध एवं अपेक्षित धनराशि के लिए है, प्रतिग्राह्य होंगे।
9. लाईसेंस के लिये जिला स्तरीय समिति
देशी शराब की फुटकर बिक्री के लाइसेंसधारियों के चयन हेतु एक जिला स्तरीय समिति होगी। समिति में निम्नलिखित सदस्य होगें अर्थात् :-
(एक) | जिले का कलेक्टर | अध्यक्ष |
(दो) | सम्बन्धित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या सम्बन्धित पुलिस कमिश्नरी के पुलिस आयुक्त द्वारा नामनिर्दिष्ट एक अधिकारी, जो सहायक पुलिस आयुक्त की रैंक से नीचे का न हो, | सदस्य |
(तीन) | आबकारी आयुक्त द्वारा नामित आबकारी विभाग का एक राजपत्रित अधिकारी | सदस्य |
(चार) | जिले का जिला आबकारी अधिकारी | सदस्य/सचिव |
10. लाईसेंसधारी का चयन
11. व्यवस्थित की गयी दुकानों का विवरण
12. बेसिक लाईसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि का भुगतान
13. शराब का उठान
14. लाइसेंस फीस की मासिक किस्त का भुगतान और विफलता के परिणाम
15. न्यूनतम मासिक प्रत्याभूत मात्रा से अधिक देशी शराब की उठान और लाइसेंस फीस के जमा अवशेष का उपार्जन
16. अधिकतम फुटकर मूल्य
17. बिक्री की अवधि और दुकानों की बन्दी
18. लाइसेंस की समाप्ति पर बचे अवशेष स्टॉक का निस्तारण
19. अनुज्ञापन का अभ्यर्पण
20. दुकानों का अन्तरिम व्यवस्थापन
21. लाइसेंस का निलम्बन/निरस्तीकरण व प्रशमन और शास्तियाँ
क्र० सं० | उल्लंघन का प्रकार | प्रथम बार
(रु० में) |
द्वितीय बार
(रु० में) |
तृतीय बार
(रु० में) |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
1 | निर्धारित समय से पूर्व अथवा पश्चात् दुकान का खुला पाया जाना। | 2,500 | 3,000 | 5,000 |
2 | अनाधिकृत विक्रेता द्वारा बिकी करते हुये पाया जाना। | 5,000 | 7,000 | 10,000 |
3 | स्टाक रजिस्टर माँगने पर न प्रस्तुत करना। | 10,000 | 15,000 | 20,000 |
4 | स्टाक रजिस्टर अद्यतन न भरा जाना। | 10,000 | 15,000 | 20,000 |
5 | बेतलों और पौव्वों या उनके लेबुलों, सुरक्षा प्रणाली अथवा बार कोड पिल्फर प्रूफ कैप या सील से बिगाड़ कराना। | 10,000 | 15,000 | 20,000 |
6 | बिक्री में वृद्धि हेतु ग्राहक को प्रलोभन देना, जुआ अथवा नृत्य का आयोजन करना। | 5,000 | 7,000 | 10,000 |
7 | ड्यूटी पेड स्टाक को अनधिकृत परिसर गोदाम में संचित करना। | 20,000 | 25,000 | 30,000 |
8 | लेखानुसार मात्रा से अधिक ड्यूटी पेड स्टाक का पाया जाना। | 25,000 | 30,000 | 50,000 |
9 | खुली मदिरा की बिक्री किया जाना | 5,000 | 10,000 | 15,000 |
10 | मद्य निषेध दिवसों / बन्दी के दिनों में मदिरा की बिक्री किया जाना | 30,000 | 40,000 |
50,000
|
11 | बिना अनुमति परिसर में परिवर्तन करना। | 20,000 | 25,000 | 30,000 |
12 | निर्धारित एम०आर०पी० से अधिक दर पर मदिरा का विक्रय। | 75,000 | 1,50,000 | लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही |
13 | लाइसेंस प्राप्त परिसर के बाहर नियमानुसार साइन बोर्ड में आवश्यक सूचना अंकित न करना अथवा त्रुटिपूर्ण ढंग से अंकित करना | 5,000 | 10,000 | 20,000 |
14 | दुकान में सफाई की समुचित व्यवस्था न पाया जाना। | 2,000 | 5,000 | 10,000 |
15 | किसी एक विशेष दुकान हेतु निर्गत मदिरा का दूसरी दुकान पर (सद्भावी कारणों से) पाया जाना। | 25000 | 50000 | लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही |
16 | अन्य कोई अनियमितता, जो क्रमांक 01 से 15 तक पर अंकित न हो। | 2,000 | 5,000 | 10,000 |
22. विखण्डन और अपवाद
(1) समय-समय पर यथा संशोधित उत्तर प्रदेश आबकारी देशी शराब की फुटकर बिक्री के अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2001, जो आबकारी आयुक्त की अधिसूचना संख्या 10805/दस-97बी/संसाधन/ दिनांक 08 मार्च, 2001 के साथ प्रकाशित की गयी एतद्द्वारा विखण्डित की जाती है।
(2) ऐसे विखंडन के होते हुये भी उप नियम (1) में निर्दिष्ट नियम के उपबंधों के अधीन देशी शराब की दुकान या दुकानों के समूहों के लिये वित्तीय वर्ष 2001-02 के लिए पहले से निष्पादित व्यवस्थापन विद्यमान रहेगा और 31 मार्च, 2002 तक लागू रहेगा।
निबन्धन एवं शर्ते
1. नियम-13 के उपबन्धों के अनुसार लाइसेंसधारी मूल्य एवं प्रतिफल शुल्क अधिमानतः ई-पेमेन्ट के द्वारा जमा करने के पश्चात् देशी शराब का उठान थोक अनुज्ञापन सी0एल0-2 के गोदाम से करेगा।
2. नियम-14 के उपबन्धों के अनुसार लाइसेंसधारी को लाइसेंस फीस की मासिक किस्त माह की अन्तिम तिथि तक जमा करनी होगी।
3. देशी शराब (यू.पी.एम.एल.) की बोतलों/असेप्टिक ब्रिक पैक के लेबुलों पर दायी ओर शीर्ष पर 1×1 सेंटीमीटर के स्पष्ट दृश्यमान बोल्ड फांट में तीव्रता एवं अधिकतम् फुटकर मूल्य मुद्रित किया जायेगा। फुटकर लाइसेंसधारी छपे हुए अधिकतम् फुटकर मूल्य से अधिक नहीं वसूल करेगा।
4. भूगृहादि पर और उसके बाहर उपभोग के लिए मुहरबन्द पेट/शीशे की बोतलों/असेप्टिक ब्रिक पैक में देशी स्प्रिट/यू०पी०एम०एल० की बिक्री उसी गद्दी से होगी। परिसर के एक अंश को अलग रखा जायेगा, जहाँ केवल उपभोग के लिए अनुमति होगी। परिसर में उपभोग के लिए भी खुली देशी स्प्रिट/यू.पी.एम.एल.नहीं परोसी जायेगी तथा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम 2016 के अनुसार दुकानों पर उपभोग किये जाने के पश्चात् खाली हुई पेट/शीशे की बोतलों तथा असेप्टिक ब्रिक पैक एवं उन पर प्रयुक्त ढक्कनों को नष्ट करके हटाने की जिम्मेदारी दुकान के विक्रेता/लाइसेंस/आसवक की होगी।
5. विहित तीब्रता और मात्रा की देशी शराब/यू०पी०एम०एल० की बिक्री मुहरबन्द पेट/शीशे की बोतलों एवं असेप्टिक ब्रिक पैक में की जायेगी, जिस पर शुल्क के भुगतान के प्रमाण के रूप में आबकारी विभाग द्वारा अनुमोदित सुरक्षा कोड चस्पा हो।
6. लाइसेंसधारी लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा यथा विहित प्रपत्र और रजिस्टर में नियमित और सही-सही दैनिक लेखा रखेगा, और उसे उत्तर प्रदेश आबकारी के पोर्टल पर भी एस.एम.एस. करेगा/अपलोड करेगा और जब कभी सक्षम निरीक्षण प्राधिकारी द्वारा मांगा जायेगा, तो उक्त लेखा रजिस्टर को प्रस्तुत करेगा। लाइसेंसधारी बिक्री इत्यादि का लेखा भी प्रस्तुत करेगा और यथा अपेक्षित सामग्री और दस्तावेजों की सुविधा देगा और उन्हें उपलब्ध करायेगा।
7. देशी शराब/यू०पी०एम०एल की बिक्री को छोड़कर जिसके लिए कि लाइसेंस दिया गया है, लाइसेंसधारी को लाइसेंस प्राप्त परिसर में कोई अन्य व्यवसाय चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
8. लाइसेंस प्राप्त परिसर, 14 अप्रैल (अम्बेडकर जयन्ती), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 02 अक्टूबर (गाँधी जयन्ती), 26 जनवरी (गणतन्त्र दिवस) और तीन ऐसे अतिरिक्त दिनो जैसा कि लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा बन्दी के लिए अधिसूचित किया जाय, को छोड़कर बिक्री के लिए सभी दिवसों पर प्रातः 10 से रात्रि 10 बजे तक खुला रहेगा। लाइसेंस प्राधिकारी सुसंगत विधियों के अधीन कानून और व्यवस्था या सामान्य निर्वाचन से सम्बन्धित क्रिया कलापों आदि के कारण से भी दुकान की बन्दी का आदेश दे सकता है। उपरोक्त दिवसों पर से दुकान की बन्दी के लिए कोई प्रतिफल देय नहीं होगा।
परन्तु यह कि विशेष अवसरों पर कतिपय अवधि के लिए बिक्री के घंटों में, जैसा कि राज्य सरकार उचित समझे, परिवर्तन किया जा सकेगा।
9. लाइसेंसधारी देशी शराब/यू०पी०एम०एल के सम्पूर्ण स्टाक का भण्डारण केवल लाइसेंस प्राप्त परिसर में ही करेगा। वह ट्रैक एण्ड ट्रेस प्रणाली के अन्तर्गत विहित सुरक्षा कोड के अनुसार बोतलों की स्कैनिंग के लिये दुकान पर यथाविनिर्दिष्ट पी०ओ०एस० (प्वाइंट ऑफ सेल) यंत्र रखेगा।
10. लाइसेंसधारी दुकान के प्रवेश द्वार पर आबकारी आयुक्त द्वारा अनुमोदित किये गये प्रपत्र साइज में एक सहज दृश्य साइनबोर्ड लगाएगा, जिसके ऊपर लाइसेंसधारी का नाम, पदनाम, दुकान की अवस्थिति, लाइसेंस की अवधि, दुकान खुलने व बंद होने का समय और लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा यथा विहित अन्य सूचनाएँ भी मोटे अक्षरों में अंकित की जायेंगी। साईन बोर्ड में निम्नलिखित सूचना को प्रदर्शित करना होगाः-
“>दुकान के बाहर आस-पास या सार्वजनिक स्थान पर शराब पीना वर्जित है। इस संबंध में कोई भी उल्लंघन दण्डनीय होगा।
>शराब पीकर गाड़ी चलाना जानलेवा हो सकता है। कृपया शराब पीकर गाड़ी न चलायें।”
11. लाइसेंसधारी लाइसेंस प्राप्त परिसर के भीतर पर्याप्त संख्या में बेंचों, तख्तों, कुर्सियों और मेजों सहित समुचित रूप से बैठने की व्यवस्था कर सकता है। लाइसेंसधारी द्वारा उपभोक्ता को गिलास, पानी, बर्फ, सोडा, स्नैक्स व विभिन्न खाद्य पदार्थो को पका कर उपलब्ध करा सकेगा।
12. लाइसेंसधारी किसी भी व्यक्ति को विक्रेता के रूप में सेवायोजित नहीं करेगा, जो 21 वर्ष से कम आयु का हो या किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त हो या आपराधिक, पृष्ठभूमि का हो या महिला हो। लाइसेंसधारी को सरकार द्वारा समय-समय पर यथाविहित शुल्क के संदाय पर विक्रेताओं हेतु जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त नौकरनामा प्राप्त करना होगा और जब निरीक्षणकर्ता प्राधिकारियों द्वारा मांगा जाये तो, उसे प्रस्तुत करना होगा।
13. लाइसेंसधारी किसी भी व्यक्ति को विहित सीमा से अधिक देशी शराब/यू०पी०एम० एल नहीं बेंचेगा जब तक कि आबकारी मैनुअल प्रथम खण्ड 1995 संस्करण के देशी शराब के आयात-निर्यात, परिवहन व कब्जे में रखने की नियमावली के नियम-28 (3) के अनुसार अनुज्ञा न प्रदान की गई हो।
14. किसी ऐसे व्यक्ति को बिक्री नहीं की जायेगी जो 21 वर्ष से कम आयु का हो या पदधारी जो वर्दी में हो।
15. लाइसेंसधारी द्वारा किसी भी दशा में बोतलों और पात्रों या उनके लेबुलों, सुरक्षा कोड, पिल्फरप्रूफ कैप (चोरी रोधक ढक्कनों) या मोहरों से बिगाड़ करना, विकृत करना सर्वथा निषिद्ध है।
16. लाइसेंसधारी अपने लाइसेंस प्राप्त परिसर में कोई भी दुग्ध, शर्करा (चाश्नी), रंग, सुगंधि (अर्क), सुरक्षा कोड निर्माण करने वाला यंत्र, लेबुल, कैप्सूल, मुहर या कोई अपायकर सामग्री नहीं रखेगा।
17. लाइसेंसधारी या उसके विक्रेता के लिए दुकान की गद्दी पर या उस स्थान से 5 फिट की दूरी पर जहाँ विक्रय के लिए देशी शराब/यू०पी०एम.एल भण्डारित की गई है, पानी का रखना सर्वथा निषिद्ध है।
18. लाइसेंसधारी परिसर की समुचित देख-रेख और सफाई के लिए उसकी नालियों आदि का कृमिनाशक पदार्थ से साफ किया जाना सम्मिलित है, उत्तरदायी होगा।
19. परिसर के भीतर प्रयुक्त सभी कुल्हड, पत्तलों आदि को कूड़े के लिए निर्मित खाली स्थानों या इस प्रयोजनार्थ रखे गए ढक्कनदार कूड़ेदानों में तत्काल हटा कर डाल दिया जायेगा, जिसे कि विक्रय के निर्धारित घण्टों के दौरान कम से कम दो बार साफ किया जायेगा।
20. लाइसेंसधारी/विक्रेता और उसके परिवार के सिवाय परिसर, जिसमें दुकान स्थित है, का प्रयोग आवास के स्थान के रूप में नहीं किया जायेगा।
21. लाइसेंसधारी द्वारा अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए खरीददारों को प्रलोभन देना या आकर्षित करना सर्वथा निषिद्ध है। द्यूत या नृत्य कार्यक्रम कराना भी सर्वथा निषिद्ध है।
22. लाइसेंसधारी लाइसेंस की समाप्ति पर अतिरिक्त शेष स्टाक के निस्तारण के लिए जिला आबकारी अधिकारी को रिपोर्ट करेगा, जिसे नियम-18 के अनुसार निस्तारित किया जायेगा।
23. लाइसेंसधारी आबकारी आयुक्त या लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर निर्गत सामान्य या विनिर्दिष्ट अनुदेशों का पालन करेगा।
24. लाइसेंसधारी अपनी दुकान पर मदिरा की बिक्री करने के लिये विक्रेताओं की सूची जिला आबकारी अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेगा। जिला आबकारी अधिकारी तदनुसार नियत फीस के संदाय के पश्चात् विहित प्रपत्र में नौकरनामा जारी करेगा।