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5.1 देशी मदिरा

एसेप्टिक ब्रिक पैक के प्रयोग से मिलावट और तनुकरण की घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाती हैं। यही कारण है कि विगत वर्षों में एसेप्टिक ब्रिक पैक में देशी मदिरा की आपूर्ति सुनिश्चित कराये जाने के प्रयास किये गये हैं। प्रदेश की आसवनियों में अब एसेप्टिक ब्रिक पैक में देशी मदिरा भरे जाने के संसाधन एवं मशीनों की पर्याप्त उपलब्धता हो चुकी है। अत: राजस्वहित की दृष्टि से वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा एवं यू.पी.एम.एल. की आपूर्ति शतप्रतिशत एसेप्टिक ब्रिक पैक में किये जाने का निर्णय लिया जाता है। 

5.1.1 (क) देशी मदिरा की श्रेणियां

वर्ष 2024-25 में देशी मदिरा की तीव्रता एवं प्रकार के आधार पर प्रचलित श्रेणियों के स्‍थान पर वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा की निम्‍नांकित श्रेणियां रखी जायेंगी:-

(1) शीरा से निर्मित ई.एन.ए. आधारित कैरामल युक्त 36 प्रतिशत वी./वी. (मसाला) 200 एम.एल. की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।

(2) शीरा से निर्मित ई.एन.ए. आधारित फूड कलर युक्त 25 प्रतिशत वी./वी. (सुवासित) 200 एम.एल. की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।

    (ख) यू.पी.एम.एल. की श्रेणियां

  वर्ष 2024-25 हेतु प्राविधानित यू.पी.एम.एल. 36 प्रतिशत वी./वी. की बिक्री अत्यंत कम हो रही है। अत: वर्ष 2025-26 में यू.पी.एम.एल. 36 प्रतिशत वी./वी. की श्रेणी को समाप्त किया जाता है।  

प्रदेश में आरक्षित शीरे की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुये यू.पी.एम.एल. जिसकी बिक्री देशी मदिरा दुकानों से ही अनुमन्य होगी और जिसमें सन्निहित प्रतिफल शुल्क का समायोजन लाइसेंस फीस में किया जायेगा, की निम्नांकित श्रेणियां वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित की जाती हैं:-

  (1) ग्रेन ई.एन.ए. आधारित कैरामल युक्त 42.8 प्रतिशत वी./वी.(मसाला) 200 एम.एल. की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।    

(2) ग्रेन ई.एन.ए. आधारित कैरामल युक्त 28 प्रतिशत वी./वी.(मसाला) 200 एम.एल. की धारिता की एसेप्टिक ब्रिक पैक में।

(ग) यू.पी.एम.एल. एवं देशी मदिरा की उपर्युक्त श्रेणियों के लिये एसेप्टिक ब्रिक पैक के बार्डर के रंग अथवा रंग संयोजन आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित किये जायेंगे। बार्डर के रंग अथवा रंग संयोजन में परिवर्तन का अधिकार आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश को प्रतिनिधानित किया जाता है।

5.1.2 देशी मदिरा दुकानों के वार्षिक एम.जी.क्यू./M.G.Q. (न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा/Minimum Guaranteed Quantity) का निर्धारण

(i) वर्ष 2025-26 हेतु प्रस्तर-5.11(1) के अनुसार वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित एवं तर्कसंगत किये गये कुल वार्षिक एम.जी.क्यू. पर 10 प्रतिशत की वृद्धि कर देशी मदिरा दुकानों का एम.जी.क्यू. निर्धारित किया जाएगा। वर्ष 2024-25 हेतु व्‍यवस्‍थित वार्षिक एम.जी.क्यू. 69.29 करोड़ बल्क लीटर पर 10 प्रतिशत की वृद्धि के आधार पर वर्ष 2025-26 हेतु प्रदेश का प्रस्तावित न्यूनतम एम.जी.क्यू. 76.22 करोड़ बल्क लीटर 36 प्रतिशत वी./वी. तीव्रता की देशी मदिरा के संदर्भ में आगणित होता है।

(ii) उपरोक्तानुसार आगणित दुकानवार वार्षिक एम.जी.क्यू. के 12 से पूर्णतः विभाजित न हो सकने की स्थिति में इसे अगली संख्या तक, जो 12 से विभाज्य हो, बढ़ा कर वर्ष 2025-26 हेतु अंतिमीकृत एम.जी.क्‍यू. निर्धारित किया जाएगा।

(iii) नवसृजित देशी मदिरा दुकानों (प्रस्तर5.11.3(ग) के प्रकरणों को छोड़कर) का एम.जी.क्यू. प्रस्‍तर-5.9.2.1 में प्राविधानित न्यूनतम एम.जी.क्यू. से कम नहीं होगा तथा इस संबंध में प्रचलित मार्गदर्शक सिद्धान्तों का पालन किया जायेगा ताकि किसी अन्य दुकान का क्षेत्राधिकार प्रभावित न हो एवं निर्धारित एम.जी.क्यू. तर्कसंगत हो। यह एम.जी.क्यू. 36 प्रतिशत वी./वी. तीव्रता की देशी मदिरा के संदर्भ में होगा। जिले में नवसृजित दुकानों का एम.जी.क्यू. प्रस्तर-5.1.2(i) एवं 5.1.2(ii) द्वारा निर्धारित एम.जी.क्यू. के अतिरिक्त होगा।

5.1.3 (क) देशी मदिरा दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस

वर्ष 2025-26 हेतु बेसिक लाइसेंस फीस की व्यवस्था निम्नवत् निर्धारित की जाती है:-

  1. देशी मदिरा की फुटकर दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस की दर ₹32 प्रति बल्क लीटर वार्षिक एम.जी.क्यू. के आधार पर निर्धारित की जाती है जो किसी दुकान के लिये ₹1000/- के गुणक मे न आगणित होने पर अगले ₹1,000/- के गुणक में निर्धारित की जाएगी।
  2. मासिक एम.जी.क्‍यू. से अधिक देशी मदिरा अथवा यू.पी.एम.एल. के अतिरिक्‍त उठान पर अतिरिक्त बेसिक लाइसेंस फीस न लिये जाने की व्यवस्था को यथावत रखा जाता है।
  3. नवसृजित देशी मदिरा दुकानों एवं मध्‍य सत्र में व्‍यवस्‍थित होने वाली दुकानों अथवा ई-टेण्‍डर से व्‍यवस्‍थित होने वाली दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस भी ₹32 प्रति ब.ली. वार्षिक एम.जी.क्‍यू. के आधार पर अगले ₹1,000/- के गुणक में निर्धारित की जाएगी।
  4. मध्य सत्र में व्यवस्थित होने वाली दुकानों के संबंध में देय बेसिक लाइसेंस फीस वित्तीय वर्ष की अवशेष अवधि के आधार पर समानुपातिक रूप से आगणित की जायेगी और अगले ₹1,000/- के गुणक में निर्धारित की जाएगी।

(ख) ऐसी देशी मदिरा की फुटकर दुकानों जिनके 3 कि.मी. की परिधि में प्रस्‍तर-5.2 में परिभाषित कोई कम्‍पोजिट शॉप अथवा मॉडल शॉप व्‍यवस्थित नहीं है, को राजस्वहित में बीयर की फुटकर बिक्री करने की अनुमति, अनुज्ञापी द्वारा आवेदन करने पर प्रदान की जायेगी। ऐसी देशी मदिरा दुकानों पर बीयर की बिक्री अनुमन्‍य किये जाने पर उनके सी.एल.-5सी अनुज्ञापन के स्‍थान पर उन्‍हें सी.एल.-5सीसी अनुज्ञापन प्रदान किया जायेगा। इस हेतु लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा जनपद में सी.एल.-5सीसी अनुज्ञापन हेतु अर्ह देशी मदिरा दुकानों की सूची प्रकाशित करते हुये इच्‍छुक देशी मदिरा अनुज्ञापियों से आवेदन पत्र प्राप्‍त किये जायेंगे। इस हेतु ऑन लाइन व्‍यवस्‍था भी यथाशीघ्र विकसित की जायेगी। ऐसी दुकानों पर बीयर की बिक्री के संबंध में न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व/Minimum Guaranteed Annual Revenue(MGR) निर्धारित किया जायेगा जिसका मासिक/त्रैमासिक विभाजन प्रस्‍तर-5.6.1 के अनुसार होगा। परन्‍तु यह न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व, जनपद के बीयर के औसत न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व प्रत‍ि कम्‍पोजिट शॉप का 10 प्रतिशत होगा और इसे एम.जी.आर.(सी.एल.-बीयर) कहा जायेगा जो जनपद में अतिरिक्‍त रूप से आरोपित होगा। बीयर की बिक्री की अनुमन्‍यता हेतु ऐसी दुकानों से अत‍िरिक्‍त लाइसेंस फीस (लाइसेंस फीस-3) ली जायेगी जिसकी दर प्रस्‍तर-5.2.1(1) के अनुसार होगी और जिसे ₹ 1,000/- के अगले निकटतम गुणक तक राउण्‍ड आफ करते हुये निर्धारित किया जायेगा।  सी.एल.-5सीसी दुकानों पर बीयर का उपभोग अनुमन्‍य होगा जिसके लिये कोई अतिरिक्त शुल्‍क नहीं लिया जायेगा। सी.एल.-5सीसी दुकानों हेतु निर्धारित एम.जी.आर.(सी.एल.-बीयर) एवं लाइसेंस फीस-3 का लेखा जोखा प्रत्‍येक स्‍तर पर रखा जाना अनिवार्य होगा। सी.एल.-5सीसी दुकानों हेतु लाइसेंस फीस-3 के 10 प्रतिशत के समतुल्य प्रतिभूति भी नियमानुसार अतिरिक्त रूप से जमा करायी जायेगी। देशी मदिरा की प्रतिभूति की व्यवस्था यथावत रहेगी। 

5.1.4 वर्ष 2024-25 में यू.पी.एम.एल. 36 प्रतिशत वी/वी की बिक्री एवं मांग अब तक नगण्य रही है अत: यू.पी.एम.एल. 36 प्रतिशत वी/वी श्रेणी को समाप्त करते हुये इसके स्थान पर वर्ष 2025-26 में यू.पी.एम.एल. 28 प्रतिशत वी/वी के 200 एम.एल. की एक नवीन श्रेणी भी लाये जाने का प्राविधान किया जाता है।   

(क) वर्ष 2025-26 हेतु 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा के संदर्भ में प्रतिफल फीस/लाइसेंस फीस की दर राजस्वहित में वर्ष 2024-25 में निर्धारित ₹ 254/- प्रति बल्क लीटर से बढ़ाकर ₹ 260/- प्रति बल्क लीटर निर्धारित की जाती है।

(ख) 36 प्रतिशत तीव्रता की देशी मदिरा अथवा यू.पी.एम.एल. के अतिरिक्त अन्य तीव्रताओं की देशी मदिरा अथवा यू.पी.एम.एल. हेतु प्रतिफल फीस की दर समानुपातिक रूप से निम्नवत् निर्धारित की जाती है:-

क्र.

सं.

देशी मदिरा/यू.पी.एम.एल. की श्रेणी, तीव्रता वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित प्रतिफल फीस/लाइसेंस फीस की दर

(रु. प्रति बल्क लीटर)

1. यू.पी. मेड लिकर (यू.पी.एम.एल.) कैरामल युक्त (मसाला) 42.8 प्रतिशत वी./वी. 309.15
2. यू.पी. मेड लिकर (यू.पी.एम.एल.) कैरामल युक्त (मसाला) 28 प्रतिशत वी./वी. (200 एम.एल.) 202.25
3. शीरा आधारित ई.एन.ए. से निर्मित देशी मदिरा कैरामल युक्त (मसाला) 36 प्रतिशत वी./वी. 260.00
4. शीरा आधारित ई.एन.ए. से निर्मित देशी मदिरा फूड कलर युक्त (सुवासित) 25 प्रतिशत वी./वी. 180.60

देशी मदिरा दुकान की मासिक लाइसेंस फीस जो मासिक एम.जी.क्यू. में सन्निहित प्रतिफल शुल्क के समतुल्य होगी, प्रतिमाह अनुज्ञापी को जमा करना अनिवार्य होगा। इस हेतु उपरोक्तानुसार आगणित मासिक एम.जी.क्यू. की निकासी में सन्निहित प्रतिफल शुल्क के समतुल्य मासिक लाइसेंस फीस के समायोजन का अनुज्ञापी हकदार होगा। मासिक लाइसेंस फीस के उपरोक्तानुसार भुगतान या समायोजन में विफल रहने पर संगत नियमावली के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। अनुज्ञापी द्वारा मासिक एम.जी.क्यू. का पूर्ण रूप से उठान न किये जाने की स्थिति में अनुज्ञापी को, न उठाये गये एम.जी.क्यू. के समतुल्य 36 प्रतिशत वी./वी. तीव्रता की देशी मदिरा के 200 एम.एल. की बोतलों की कुल संख्या की निकासी में सन्निहित कुल प्रतिफल शुल्क व कुल अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। इस हेतु अन्य तीव्रताओं में उठान को 36 प्रतिशत वी./वी. तीव्रता में परिवर्तित कर कुल उठान का आगणन किया जायेगा।

  5.1.5 लाइसेंस फीस की देयता

  (क) किसी माह में एम.जी.क्यू. से अधिक उठायी गयी देशी मदिरा अथवा यू.पी.एम.एल. पर उद्ग्रहणीय प्रतिफल शुल्क व अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क का समायोजन अगले महीनों हेतु निर्धारित मासिक लाइसेंस फीस के सापेक्ष नहीं होगा।

(ख) सी.एल.-5सीसी अनुज्ञापन प्राप्‍त दुकानों के संबंध में बीयर के न्‍यूनतम त्रैमासिक/मासिक प्रत्याभूत राजस्‍व के उठान के संबंध में उक्‍त उप प्रस्‍तर-(क) के प्राविधान के अत‍िरिक्‍त प्रस्‍तर-5.6.3 के प्राविधान भी लागू होंगे।

5.1.6 देशी मदिरा एवं यू.पी.एम.एल. पर अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क लिया जाना

 वर्ष 2025-26 के लिये यू.पी.एम.एल. एवं देशी मदिरा की एम.आर.पी. ₹5/- के अगले गुणक में रखी जायेगी। आगणित एम.आर.पी. और ₹5/- के अगले गुणक में निर्धारित एम.आर.पी. के अंतर को अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क के रूप में वसूला जायेगा। 

5.1.9 देशी मदिरा फुटकर दुकानों द्वारा किसी एक आसवनी के समस्त ब्राण्डों (समस्त सी.एल.बी.-1 एवं सी.एल.बी.-2 में उत्पादित) की मदिरा की निकासी अपने एम.जी.क्यू. के 85 प्रतिशत तक ही ली जायेगी। उपरोक्तानुसार एम.जी.क्यू. के उठान के उपरांत अधिक ली गयी निकासी पर यह प्राविधान लागू नहीं होगा। इस प्राविधान का पालन न करने पर एम.जी.क्यू. तक की निकासी में अनियमित रूप से ली गयी निकासी पर ₹10/- प्रति बल्क लीटर अतिरिक्त रूप से संबंधित अनुज्ञापी द्वारा जमा किया जाना अनिवार्य होगा। देशी मदिरा के प्रत्येक थोक अनुज्ञापन को भी उपरोक्त प्राविधान के अनुसार मांगपत्र प्रस्तुत होने पर आपूर्ति सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। 

5.2 विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. की फुटकर बिक्री हेतु कम्‍पोजिट दुकान (एफ.एल.-5 डीबी)

   वित्तीय वर्ष 2024-25 में एफ.एल.-5डी दुकानें जहाँ देशी मदिरा, यू.पी.एम.एल. एवं बीयर को छोड़कर अन्य समस्त प्रकार की मदिरा की फुटकर बिक्री अनुमन्य है, की संख्या 6,563 है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 में एफ.एल.-5बी जहाँ केवल बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. की फुटकर बिक्री अनुमन्य है, की संख्या 5,970 है। देश के कई अन्य प्रदेशों में समस्त प्रकार की विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. की बिक्री हेतु कम्पोजिट दुकानों की व्यवस्था है। ऐसे भी प्रदेश हैं जहाँ कम्पोजिट दुकानों से देशी मदिरा की बिक्री भी अनुमन्य है। इस प्रकार दुकानों की संख्या में बिना वृद्धि के ही समस्त प्रकार की मदिरा के बिक्री केन्द्रों की संख्या में वृद्धि प्राप्त की गयी है और इसका राजस्वहित में सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मॉडल शॉप (एफ.एल.-4ए) के रूप में पूर्व से ही कम्पोजिट दुकान के लगभग समान फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन विगत कई वर्षों से सफलता पूर्वक होता आया है जहाँ मदिरा उपभोग की अनुमति भी प्रदत्त होती है। अत: राजस्वहित में वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश में विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. की फुटकर बिक्री हेतु कम्पोजिट दुकानों का गठन करते हुये इनका व्यवस्थापन कराया जायेगा। कम्पोजिट दुकानों के गठन, इनकी संख्या, इनकी लाइसेंस फीस, एम.जी.आर. आदि के निर्धारण एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में अग्रेतर सुसंगत प्रस्तरों में प्राविधान निर्धारित किये गये हैं। 

5.2.1 विदेशी मदिरा एवं बीयर की फुटकर बिक्री की कम्‍पोजिट दुकानों का गठन तथा इनकी लाइसेंस फीस, प्रतिभूति, न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व (Minimum Guaranteed Annual Revenue), न्यूनतम प्रत्याभूत मासिक राजस्व (Minimum Guaranteed Monthly Revenue) एवं संबंधित दरों का निर्धारण

   वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में गतवर्ष 2024-25 में व्‍यवस्थित एफ.एल.-5डी एवं एफ.एल.-5बी दुकानों के स्‍थान पर विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. एवं समुद्रपार आयातित मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. आदि की बिक्री हेतु कम्‍पोजिट शॉप का अनुज्ञापन एफ.एल.-5डीबी प्रदान किया जायेगा तथा इनका व्‍यवस्‍थापन ई-लाटरी के माध्‍यम से किया जायेगा। उक्‍त दुकानों की लाइसेंस फीस एवं न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक/मासिक राजस्व का निर्धारण निम्‍नवत् किया जायेगा:-

(1) प्रत्येक जनपद में व्यवस्थित समस्त एफ.एल.-5डी दुकानों के कुल न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व और कुल वार्षिक लाइसेंस फीस के आधार पर जनपद में औसत वार्षिक लाइसेंस फीस प्रति ₹1,00,000/- न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व (जिसे लाइसेंस फीस की दर-1 कहा जायेगा) का आकलन किया जायेगा। उदाहरणार्थ किसी जनपद में व्यवस्थित एफ.एल.-5डी दुकानों की वर्ष 2024-25 की कुल लाइसेंस फीस “X” है और कुल न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व “Y” है तब लाइसेंस फीस की दर-1, (X(रुपये में)/Y(रुपये में))*1,00,000 होगी जिसे ₹100/- के अगले निकटतम गुणक तक राउण्ड आफ करते हुये जनपद की अंतिमीकृत लाइसेंस फीस की दर-1 निर्धारित की जायेगी।

इसी प्रकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में व्यवस्थित समस्त एफ.एल.-5बी दुकानों के कुल न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व और कुल वार्षिक लाइसेंस फीस के आधार पर जनपद में औसत वार्षिक लाइसेंस फीस प्रति ₹1,00,000/- न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व (जिसे लाइसेंस फीस की दर-2 कहा जायेगा) का आकलन किया जायेगा। उदाहरणार्थ किसी जनपद में व्यवस्थित एफ.एल.-5बी दुकानों की वर्ष 2024-25 की कुल लाइसेंस फीस “X” है और कुल न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व “Y” है तब लाइसेंस फीस की दर-2, (X(रुपये में)/Y(रुपये में))*1,00,000 होगी जिसे ₹100/- के अगले निकटतम गुणक तक राउण्ड आफ करते हुये जनपद की अंतिमीकृत लाइसेंस फीस की दर-2 निर्धारित की जायेगी।  

(2) वित्‍तीय वर्ष 2025-26 हेतु वर्ष 2024-25 की दुकानों के आधार पर गठित होने वाली कम्‍पोजिट दुकानों की अधिकतम संख्‍या जनपद की समस्‍त एफ.एल.-5डी दुकानों की संख्‍या एवं जनपद की समस्‍त एफ.एल.-5बी दुकानों की संख्‍या के योग से अधिक नहीं होगी।

(3) जनपद के अपराध निरोधक क्षेत्रों के आबकारी निरीक्षकों एवं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अपने जनपद की समस्‍त एफ.एल.-5डी और एफ.एल.-5बी दुकानों की संख्‍या के आधार पर वर्ष 2025-26 हेतु प्रस्तर 5.2.1(2) में प्राविधानित अधिकतम एफ.एल.-5डीबी कम्‍पोजिट दुकानों की संख्‍या एवं अवस्थिति अवधारित कर इनका गठन किया जायेगा। अत्‍यंत निकट व्‍यवस्थित एफ.एल.-5डी और एफ.एल.-5बी दुकानों को सम्मिलित करते हुये इन दो दुकानों के स्‍थान पर एक एफ.एल.-5डीबी दुकान गठित की जा सकती है। इस प्रकार प्राप्त कुल कम्पोजिट दुकानों की संख्या एफ.एल.-5डी और एफ.एल.-5बी दुकानों की संख्या से कम रहने की संभावना रहेगी और ऐसी स्थिति में जनपद के असेवित क्षेत्रों में यथासंभव अन्य कम्पोजिट दुकानें भी गठित की जायेंगी। इस प्रकार गठित कुल कम्पोजिट दुकानों की संख्या प्रस्तर 5.2.1(2) में प्राविधानित संख्या से अधिक नहीं होगी। यदि किसी दुकान को उसकी वर्ष 2024-25 की अवस्थिति में ही कम्पोजिट दुकान के रूप में परिवर्तित/गठित किया जाता है और यह दुकान वर्ष 2024-25 के परिसर में ही संचालित होती है तब ऐसी दुकानों पर उत्तर प्रदेश आबकारी दुकानों की संख्या और स्थिति नियमावली, 1968(यथासंशोधित) के नियम-5(4)(क) के प्रथम परन्तुक के प्राविधान लागू होंगे। यह स्पष्ट किया जाता है कि कम्पोजिट दुकानों के गठन हेतु यदि किसी एफ.एल.-5डी अथवा एफ.एल.-5बी दुकान को स्थानांतरित करना आवश्यक समझा जाये तब ऐसे स्थानांतरण का अधिकार लाइसेंस प्राधिकारी (संबंधित जनपद के जिलाधिकारी) को प्रदान किया जाता है। 

(4) जनपद के अपराध निरोधक क्षेत्रों के आबकारी निरीक्षकों एवं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अपने जनपद की समस्‍त एफ.एल.-5डी दुकानों के कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व वर्ष 2024-25 में 5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये इसको उपरोक्‍त उप प्रस्‍तर-(3) के अनुसार गठित कम्‍पोजिट दुकानों में तर्कसंगत रूप से पुनर्आवंटित किया जायेगा। इस पुनर्आवंटन की प्रक्रिया में समस्त कम्पोजिट दुकानों पर आवंटित विदेशी मदिरा का कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व, वर्ष 2024-25 में निर्धारित जनपद के समस्त एफ.एल.-5डी दुकानों के कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व एवं इस पर 5 प्रतिशत वद्धि के पश्चात प्राप्त योग से कम नहीं होगा। इस प्रकार आवंटित न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व ₹5,000/- के निकटतम अगले गुणक तक राउण्ड आफ किया जायेगा जो वर्ष 2025-26 हेतु कम्‍पोजिट दुकान का निर्धारित वार्षिक एम.जी.आर.(एफ.एल.) होगा जिसका मासिक/त्रैमासिक विभाजन प्रस्‍तर-5.6.1 के अनुसार होगा।

तत्पश्चात ‘लाइसेंस फीस की दर-1’ के आधार पर विदेशी मदिरा की लाइसेंस फीस (लाइसेंस फीस-1) का आगणन किया जायेगा। इस प्रकार गठित किसी भी कम्पोजिट दुकान की लाइसेंस फीस-1 एवं तदनुसार संबंधित एम.जी.आर. प्रस्तर-5.9.2.1 में प्राविधानित न्यूनतम से कम नहीं होगा। 

(5)  इसी प्रकार जनपद के अपराध निरोधक क्षेत्रों के आबकारी निरीक्षकों एवं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अपने जनपद की समस्‍त एफ.एल.-5बी दुकानों के कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व वर्ष 2024-25 में 5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये इसको उपरोक्‍त उपप्रस्‍तर-(3) के अनुसार गठित कम्‍पोजिट दुकानों में तर्कसंगत रूप से आवंटित किया जायेगा। इस तर्कसंगत पुनर्आवंटन की प्रक्रिया में समस्त कम्पोजिट दुकानों पर आवंटित बीयर का कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व, वर्ष 2024-25 में निर्धारित जनपद के समस्त एफ.एल.-5बी दुकानों के कुल न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व एवं इस पर 5 प्रतिशत वद्धि के पश्चात प्राप्त योग से कम नहीं होगा। इस प्रकार आवंटित न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व ₹5,000/- के निकटतम अगले गुणक तक राउण्ड आफ किया जायेगा जो वर्ष 2025-26 हेतु कम्‍पोजिट दुकान का निर्धारित वार्षिक एम.जी.आर.(बीयर) होगा जिसका मासिक/त्रैमासिक विभाजन प्रस्‍तर-5.6.1 के अनुसार होगा। तत्पश्चात ‘लाइसेंस फीस की दर-2′ के आधार पर बीयर की लाइसेंस फीस (लाइसेंस फीस-2) का आगणन किया जायेगा। इस प्रकार गठित किसी भी कम्पोजिट दुकान की लाइसेंस फीस-2 एवं तदनुसार संबंधित एम.जी.आर. प्रस्तर-5.9.2.1 में प्राविधानित न्यूनतम से कम नहीं होगा। 

(6) उपरोक्‍तानुसार आगणित लाइसेंस फीस-1 एवं लाइसेंस फीस-2 को निकटतम ₹5,000/- के अगले गुणक तक राउण्‍ड ऑफ कर अंतिमीकृत किया जायेगा। इस प्रकार आगणित अंतिमीकृत लाइसेंस फीस-1 एवं अंतिमीकृत लाइसेंस फीस-2 का योग कम्‍पोजिट दुकान की वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित वार्षिक लाइसेंस फीस होगी। प्रत्‍येक कम्‍पोजिट दुकान की अंतिमीकृत लाइसेंस फीस-1 एवं अंतिमीकृत लाइसेंस फीस-2 और संबंधित एम.जी.आर. (एफ.एल.) एवं एम.जी.आर.(बीयर) का प्रत्‍येक स्‍तर पर लेखा जोखा रखा जाना अनिवार्य होगा।

(7) उपर्युक्तानुसार गठित कुल कम्पोजिट दुकानों की संख्या वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित कुल एफ.एल.-5डी एवं एफ.एल.-5बी दुकानों की संख्या के योग से अधिक नहीं होगी। जनपद में वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित कुल एफ.एल.-5डी एवं एफ.एल.-5बी दुकानों की संख्या के योग के बराबर संख्या तक कम्पोजिट दुकानों के गठन हेतु यदि किसी जनपद में असेवित क्षेत्रों में अतिरिक्त कम्पोजिट दुकानों के गठन की आवश्यकता होगी तब इनका गठन किये जाने का अधिकार लाइसेंस प्राधिकारी को प्रदान किया जाता है। 

(8) उपर्युक्‍त समस्‍त कार्यवाही पर संबंधित उप आबकारी आयुक्त की संस्तुति प्राप्त करते हुये लाइसेंस प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्‍त किया जाना आवश्‍यक होगा।

(9) यदि किसी कम्पोजिट दुकान के परिसर में मॉडल शॉप हेतु आवश्यक अर्हतायें विद्यमान हों, एवं लाइसेंस फीस नवसृजित मॉडलशॉप की लाइसेंस फीस के बराबर अथवा अधिक हो और संबंधित अनुज्ञापी द्वारा यह अनुरोध किया जाता है कि उसकी कम्पोजिट दुकान को मॉडल शॉप में परिवर्तित करते हुये परिसर में मदिरा पान की सुविधा प्रदान की जाय तब मदिरा पान शुल्क लेकर संबंधित कम्पोजिट दुकान को मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जाना अनुमन्य होगा। यदि परिसर मॉडल शॉप हेतु अर्हकारी हो परन्तु लाइसेंस फीस नवसृजित मॉडल शॉप हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस से कम हो तब लाइसेंस फीस के अंतर की धनराशि भी देय होगी। इस प्रकार परिवर्तित मॉडल शॉप में बीयर एवं एफ.एल्. का न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व पृथक-पृथक नहीं निर्धारित होगा। अनुज्ञापी को प्रासेसिंग फीस तथा अन्य देयताओं के अंतर (यदि कोई हो) की धनराशि भी जमा करनी होगी। 

(10) कम्पोजिट दुकानों की प्रतिभूति उनकी लाइसेंस फीस (लाइसेंस फीस-1+लाइसेंस फीस-2) का 10 प्रतिशत होगी।

(11) यह स्पष्ट किया जाता है कि निर्धारित एम.जी.आर.(एफ.एल.) अथवा एम.जी.आर. (बीयर) से अतिरिक्त उठान पर अतिरिक्त लाइसेंस फीस वित्तीय वर्ष 2025-26 में नहीं ली जायेगी।

(12) कम्पोजिट दुकानों पर मदिरा पान की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी।

5.2.5 (क) एफ.एल.-1, एफ.एल.-1ए (आसवनी स्तर से विदेशी मदिरा, बीयर की आपूर्ति के थोक अनुज्ञापन) की लाइसेंस फीस का निर्धारण

   वर्ष 2025-26 हेतु एफ.एल.-1 अथवा एफ.एल.-1ए की लाइसेंस फीस वर्ष 2024-25 के लिये निर्धारित ₹10,00,000/-(रुपया दस लाख मात्र)  के स्थान पर ₹11,00,000/-(रुपया ग्यारह लाख मात्र) एवं प्रतिभूति धनराशि वर्ष 2024-25 के लिये निर्धारित ₹1,00,000/-(रुपया एक लाख मात्र) के स्थान पर ₹1,10,000/- (रुपया एक लाख दस हजार मात्र) प्रति अनुज्ञापन निर्धारित की जाती है। परन्‍तु ऐसे एफ.एल.-1, एफ.एल.-1ए अनुज्ञापनों, जिनका नवीनीकरण वर्ष 2025-26 अथवा अग्रेतर वर्षों के लिये पूर्व में ही हो चुका है, पर उक्‍त प्राविधान लागू नहीं किया जाएगा। नये एफ.एल.-1, एफ.एल.-1ए अनुज्ञापनों हेतु आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस ₹100,000/- (एक लाख मात्र) होगी। नवीनीकरण फीस भी ₹100,000/- (रुपया एक लाख मात्र) होगी परन्तु नवीनीकरण की दशा में प्रासेसिंग फीस देय नहीं होगी।

5.2.6  विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. के बंधित गोदाम

(1)  विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. के बंधित गोदाम के अनुज्ञापनों (बी.डब्लू.एफ.एल.-2ए, 2बी, 2सी, 2डी) का व्यवस्थापन

   वर्ष 2025-26 में वर्ष 2024-25 की भॉति ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. के नये बंधित गोदामों का व्यवस्थापन, उत्तर प्रदेश आबकारी(विदेशी मदिरा बंधित गोदाम के लाइसेंसों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2011 (यथासंशोधित) के प्राविधानों के अनुसार किया जाएगा।

(2) विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. के बंधित गोदाम अनुज्ञापनों (बी.डब्लू.एफ.एल.-2ए, 2बी, 2सी, 2डी) का नवीनीकरण

   वर्ष 2024-25 में स्वीकृत बी.डब्लू.एफ.एल.-2ए, 2बी, 2सी, 2डी अनुज्ञापनों का, संबंधित अनुज्ञापी द्वारा वर्ष 2025-26 की निर्धारित देयताओं और अन्य शर्तों, प्रतिबंधों से सहमति की दशा में अनुज्ञापी द्वारा आवेदन करने पर वर्ष 2025-26 हेतु नवीनीकरण कराया जा सकेगा। नवीनीकरण हेतु वर्ष 2024-25 में निर्धारित की गयी व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है।

5.2.7 विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन, एल.ए.बी. के बंधित गोदाम अनुज्ञापनों (बी.डब्लू.एफ.एल.-2ए, 2बी, 2सी, 2डी) हेतु प्रोसेसिंग फीस, नवीनीकरण फीस, अनुज्ञापन शुल्‍क एवं प्रतिभूति एवं अन्य व्यवस्थाएं

(1) अनुज्ञापन प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र की प्रोसेसिंग फीस वर्ष 2025-26 हेतु ₹1,00,000/- निर्धारित की जायेगी।

(2) नवीनीकरण हेतु आवदेन करते समय नवीनीकरण फीस वर्ष 2025-26 में ₹1,00,000/- ली जाएगी।

   नवीनीकरण की स्थिति में प्रासेसिंग फीस देय नहीं होगी।

(3) वर्ष 2025-26 हेतु उपरोक्‍त अनुज्ञापनों की लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति धनराशि निम्नानुसार निर्धारित की जाती है:-

क्र.सं. अनुज्ञापन का प्रकार अनुज्ञापन का विवरण वर्ष  2025-26 हेतु लाइसेंस फीस

(लाख रुपये में)

वर्ष  2025-26 हेतु प्रतिभूति धनराशि

(लाख रुपये में)

1 2 3 4 5
1. BWFL-2A अन्य राज्यों की इकाईयों में उत्पादित विदेशी मदिरा की उत्तर प्रदेश में बिक्री हेतु अनुज्ञापन। 17.50 9.00
2. BWFL-2B अन्य राज्यों की इकाईयों में उत्पादित बीयर की उत्तर प्रदेश में बिक्री हेतु अनुज्ञापन। 12.50 6.50
3. BWFL-2C अन्य राज्यों की इकाईयों में उत्पादित वाइन की उत्तर प्रदेश में बिक्री हेतु अनुज्ञापन। 3.00 1.50
4. BWFL-2D अन्य राज्यों की इकाईयों में उत्पादित एल.ए.बी. की उत्तर प्रदेश में बिक्री हेतु अनुज्ञापन। 3.00 1.50

(4)   अन्य व्यवस्थायें:-

(क) यदि प्रदेश के बाहर की कोई इकाई प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाण्ड अनुज्ञापन लेना चाहे तो उसे विभिन्न जनपदों में अनुज्ञापन दिया जाएगा एवं इस निमित्त उससे प्रत्येक अनुज्ञापन हेतु निर्धारित प्रासेसिंग फीस अथवा नवीनीकरण फीस व लाइसेंस फीस ली जाएगी।

     बाण्ड अनुज्ञापनों से विक्रय किये जाने वाले ब्राण्‍ड्स, उनके लेबिलों एवं एम.आर.पी. का अनुमोदन उत्‍पादक, बाटलिंग इकाई द्वारा बाण्डवार कराया जायेगा।

(ख) गत वर्ष की भॉति मास्टर वेयरहाउस (Master Warehouse) पंजीकरण अनुमन्‍य होगा एवं वर्ष 2025-26 हेतु पंजीकरण फीस ₹2,00,000/-(दो लाख मात्र) प्रति वेयरहाउस रखी जाती है। गत वर्ष पंजीकृत मास्‍टर वेयर हाउस द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु रूपया ₹2,00,000/-(दो लाख मात्र) नवीनीकरण फीस जमा करने पर आबकारी आयुक्‍त द्वारा उसके पंजीकरण का नवीनीकरण अनुमन्‍य किया जाएगा।

    परन्तु यह कि नवीनीकरण की स्थिति में प्रासेसिंग फीस देय नहीं होगी।

(ग) नवीनीकृत बॉण्‍ड अनुज्ञापनों पर वर्ष 2024-25 में प्रतिफल शुल्‍क के मद में अग्रिम रूप से जमा और अप्रयुक्‍त धनराशियों को वर्ष 2025-26 में अग्रेनीत कर समायोजित किया जाएगा।

(घ) बॉण्‍ड अनुज्ञापनों पर प्रदेश के बाहर से प्राप्‍त होने वाले पारेषणों पर देय समस्‍त प्रकार के प्रतिफल शुल्‍क आदि आयात परमिट प्राप्‍त करते समय अग्रिम रूप से जमा कराये जायेंगे।

(ङ) वित्तीय वर्ष 2025-26 में भिन्‍न श्रेणी की मदिरा के बाण्‍डों एवं एफ.एल.-1/1ए हेतु भी मास्‍टर वेयर हाउस का पंजीकरण कराया जाना अनुमन्य होगा। मास्टर वेयरहाउस की व्यवस्था में एक ही स्वामित्व वाले बॉण्‍ड अनुज्ञापनों, एफ.एल.-1/1ए अनुज्ञापनों के साथ उसी स्वामित्व वाले बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन को भी सम्मिलित किया जाना अनुमन्य होगा और ऐसी व्यवस्था करने हेतु ऑनलाइन सुविधा विकसित की जायेगी।

5.2.9 विदेशी मदिरा की 90 एम.एल. व 60 एम.एल. की धारिता में बिक्री

   वर्ष 2025-26 में विदेशी मदिरा की रेगुलर श्रेणी में 90 एम.एल. की धारिता एवं उससे ऊपर की श्रेणियों में विदेशी मदिरा की बिक्री 60 एम.एल. एवं 90 एम.एल. की धारिता की शीशे की बोतलों के साथ-साथ सिरोंग पैक में भी अनुमन्य की जाती है।

5.5 मॉडल शॉप्‍स और प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड्स

5.5.1  मॉडल शॉप्स की लाइसेंस फीस

(अ) मॉडल शॉप्स की वर्ष 2025-26 हेतु प्रस्तर-5.11(1)के अनुसार तर्कसंगत रूप से पुनर्आवंटित की गयी  वार्षिक लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत वृद्धि करते हुये निर्धारित की जाती है। इस प्रकार प्राप्‍त लाइसेंस फीस की धनराशि यदि रूपया 5,000/- के गुणक में नहीं पायी जाती है तो उसे बढ़ाकर रूपया 5,000/- के अगले स्‍तर पर राउण्‍ड ऑफ करके निर्धारित किया जायेगा। वर्ष 2023-24 में  नवीनीकृत मॉडल शॉप की लाइसेंस फीस संबंधित प्रास्‍थिति, निकाय के लिये नवसृजित मॉडल शॉप हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस से कम नहीं होने की व्‍यवस्‍था को समाप्‍त किया गया है। उक्‍त निर्णय वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु मॉडल शॉप के परिसर का न्यूनतम आवश्यक कार्पेट क्षेत्र 400 वर्ग फुट निर्धारित किया जाता है।  

(ब) यदि नगर निगम क्षेत्रों अथवा गौतमबुद्धनगर के विकास प्राधिकरणों के क्षेत्रांतर्गत किसी मॉडल शॉप के परिसर का कार्पेट क्षेत्र (प्रयुक्त समस्त तलों के क्षेत्रफल को सम्मिलित करते हुये) 3,000 वर्ग फुट अथवा अधिक है तब अनुज्ञापी के आवेदन पर इस मॉडल शॉप को प्रीमियम मॉडल शॉप का अनुज्ञापन एफ.एल.-4एए अनुज्ञापन प्रदान किया जा सकेगा तथा इसे अग्रेतर 02 वर्षों तक नवीनीकृ़त किया जायेगा। ऐसी मॉडल शाप्स की संख्या में से अधिकतम राजस्व(न्यूनतम निर्धारित प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व एवं लाइसेंस फीस का योग) वाली 02 दुकानों को ही एफ.एल.-4एए अनुज्ञापन प्रदान किया जायेगा। उक्त अनुज्ञापी को अतिरिक्त लाइसेंस फीस ₹ 20,00,000/-(रुपया बीस लाख मात्र) जमा करना होगा तथा उसके द्वारा प्रासेसिंग फीस, प्रतिभूति आदि समस्त देयताओं के अंतर की धनराशि भी जमा की जायेगी। इस संबंध में अन्य अर्हतायें आबकारी आयुक्त द्वारा पृथक से निर्धारित की जायेंगी। ऐसी प्रीमियम मॉडल शॉप का नवीनीकरण संबंधित वर्ष की देयताओं पर अनुज्ञापी की सहमति की दशा में ही किया जायेगा।    

(स) प्रदेश के समस्त प्रीमियम रिटेल वेण्ड तथा नगर निगम क्षेत्रों एवं जनपद गौतमबुद्धनगर में स्थित मॉडल शॉप एवं प्रीमियम मॉडल शॉप द्वारा अपने निर्धारित मासिक न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व के 5 प्रतिशत के समतुल्य समुद्रपार आयातित मदिरा की निकासी दुकान पर प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। 

(द) मॉडल शॉप और प्रीमियम मॉडल शॉप पर मदिरा पान का शुल्क रूपया 3,00,000/- निर्धारित किया जाता है। 

5.5.2 प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड

(1)  प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड का नवीनीकरण

   वर्ष 2024-25 में व्‍यवस्‍थित प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड अनुज्ञापनों का वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस पर अनुज्ञापी द्वारा नवीनीकरण कराया जा सकेगा। नवीनीकरण हेतु प्रासेसिंग फीस एवं नवीनीकरण फीस जमा करके इच्‍छुक अनुज्ञापियों द्वारा नवीनीकरण प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी में प्रस्‍तुत किये जायेंगे। लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा 7 कार्यदिवस के अंदर प्राप्‍त प्रार्थना पत्रों पर निर्णय लेते हुये उपयुक्‍त पाये जाने पर अनुज्ञापी को लाइसेंस फीस जमा करने का निर्देश दिया जायेगा। 

(2)  लाइसेंस फीस

   () वर्ष 2024-2025 में प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड हेतु रूपया पच्चीस लाख वार्षिक लाइसेंस फीस निर्धारित है जिसे वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है। मध्य सत्र में व्यवस्थित होने वाली प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों की लाइसेंस फीस, वर्ष के अवशेष दिवसों के आधार पर समानुपातिक रूप से देय होगी। 

(ख) किसी व्‍यक्ति, फर्म एवं कम्‍पनी को 02 से अधिक प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड अनुज्ञापन स्‍वीकृत नहीं किया जायेगा। 

(ग) माल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुमन्य नहीं होंगे। 

(घ) माल्स में स्वीकृत बार अनुज्ञापनों के परिसर को छोड़कर अन्य कहीं मदिरा का उपभोग किया जाना पूर्णतया निषिद्ध होगा।   

(3) () प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड दुकानों पर वोदका एवं रम के ₹700/-प्रति 750 एम.एल. या इससे अधिक एम.आर.पी. प्रति 750 एम.एल. वाले ब्राण्डों  और बीयर के ₹140/- प्रति 500 एम.एल. केन के एम.आर.पी. या इससे अधिक एम.आर.पी. प्रति 500 एम.एल. केन वाली ब्राण्‍ड की बिक्री की जायेगी। इस श्रेणी की अन्‍य धारिताओं के अनुमन्‍यता के संबंध में यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि वोदका एवं रम की प्रति बोतल एवं बीयर प्रति केन निर्धारित दरों पर जो ब्राण्‍ड अनुमन्‍य हैं उन ब्राण्‍डों की सभी धारितायें बिक्री के लिये अनुमन्‍य होंगी। 

(ख) प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों पर (क)आयातित विदेशी मदिरा ब्राण्डों (ख) स्काच या इससे उच्च श्रेणी के भारत निर्मित विदेशी मदिरा ब्राण्डों एवं (ग) ब्राण्डी, जिन और वाइन के समस्त श्रेणियों की बिक्री अनुमन्य होगी। 

(4)  प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड दुकानों हेतु वर्ष 2025-26 में निम्‍न प्राविधान भी किये जाते हैं:-    

   (i)  समस्‍त प्रकार के कम तीव्रता के मादक पेय (एल.ए.बी.) की बिक्री भी प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड में अनुमन्‍य होगी। 

   (ii)  सक्षम स्तर से अनापत्ति प्राप्त होने पर हवाई अड़डों और मेट्रो स्टेशन/रेलवे स्टेशन पर इनके मुख्‍य भवन में प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड अनुमन्‍य होंगे। इस आशय का प्रतिबंध कि हवाई अड़डों और मेट्रो स्टेशन/रेलवे स्टेशन पर इनके मुख्‍य भवन में खुलने वाले प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड का द्वार मुख्य भवन के अंदर की ओर होगा, को समाप्त किया जाता है। 

   (iii)  प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड दुकानों पर पृथक कक्ष में केवल वाइन टेस्‍टिंग की सुविधा अनुमन्‍य होगी और टेस्‍टिंग कक्ष में विक्रय प्रतिबंधित होगा।

(5) जनपद- गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, आगरा एवं लखनऊ में प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड (एफ.एल.-4सी) हेतु उपयुक्‍त पाये जाने वाले परिसरों के समान अन्‍य परिसरों में प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड (एफ.एल.-4सी) हेतु अनुमन्य श्रेणी की वाइन एवं एल.ए.बी. की बिक्री हेतु एक अन्‍य प्रकार के प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड के लिये एफ.एल.-4डी अनुज्ञापन भी स्‍वीकृत किये जायेंगे। एफ.एल.-4डी अनुज्ञापन पर समस्त एम.आर.पी. की बीयर की बिक्री अनुमन्य होगी। एफ.एल.-4डी लाइसेंस केवल मल्टीप्लेक्स युक्त शॉपिंग माल में स्थित दुकानों के परिसर हेतु ही स्वीकृत किये जायेंगे। एफ.एल.-4डी अनुज्ञापन की वार्षिक लाइसेंस फीस ₹6,00,000/-(रुपया छ: लाख मात्र) निर्धारित की जाती है परन्‍तु मध्‍य सत्र में व्‍यवस्थित होने वाले एफ.एल.-4डी अनुज्ञापन द्वारा देय लाइसेंस फीस का आगणन एफ.एल.-4सी की भॉति ही किया जायेगा। एफ.एल.-4डी अनुज्ञापनों को न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व के निर्धारण से मुक्त रखा जायेगा। यहाँ यह स्पष्ट किया जाता है कि यह अनुज्ञापन सिनेमा हाल या सिनेमा हाल परिसर में अनुमन्य नहीं होगा तथा सिनेमा हाल में मदिरापान पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होगा।

5.6 कम्‍पोजिट दुकानों, प्रीमियम रिटेल वेण्ड एवं मॉडल शॉप में मासिक/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व के उठान की अनिवार्यता

5.6.1 वर्ष 2025-26 हेतु कम्‍पोजिट दुकानों का वार्षिक एम.जी.आर.(एफ.एल.) एवं वार्षिक एम.जी.आर.(बीयर) प्रस्‍तर-5.2.1 के अनुसार निर्धारित किया जायेगा, प्रीमियम रिटेल वेण्ड और मॉडल शॉप का न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व, वर्ष 2024-25 में निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व पर 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ निर्धारित किया जायेगा।  वर्ष 2025-26 में नवसृजित कम्‍पोजिट दुकानों एवं मॉडल शॉप का यथास्थिति वार्षिक एम.जी.आर.(एफ.एल.) एवं वार्षिक एम.जी.आर.(बीयर) अथवा वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व निर्धारित किया जायेगा। उपरोक्तानुसार निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्व के आधार पर दुकानों हेतु मासिक राजस्व/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व का निर्धारण निम्नवत् किया जाता है:-

(क) मॉडल शॉप एवं प्रीमियम मॉडल शॉप का मासिक प्रत्याभूत राजस्व, वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का 1/12 भाग होगा। परन्तु प्रीमियम रिटेल वेण्ड के वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का विभाजन त्रैमासिक आधार पर किया जायेगा जो एक समान वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का 1/4 भाग होगा। 

(ख) कम्‍पोजिट दुकानों के वार्षिक एम.जी.आर.(एफ.एल.) का मासिक विभाजन निम्नवत् किया जाता है:-

क्र.सं. माह न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का प्रतिशत
1. अप्रैल 7 प्रतिशत
2. मई 10 प्रतिशत
3. जून 8 प्रतिशत
4. जुलाई 6 प्रतिशत
5. अगस्त 6 प्रतिशत
6. सितम्बर 6 प्रतिशत
7. अक्टूबर 10 प्रतिशत
8. नवम्बर 10 प्रतिशत
9. दिसम्बर 10 प्रतिशत
10. जनवरी 10 प्रतिशत
11. फरवरी 9 प्रतिशत
12. मार्च 8 प्रतिशत

(ग) कम्‍पोजिट दुकानों के वार्षिक एम.जी.आर.(बीयर) का त्रैमासिक विभाजन निम्नवत् किया जायेगा:-

क्र.सं. माह न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का प्रतिशत
1. प्रथम त्रैमास 38 प्रतिशत
2. द्वितीय त्रैमास 26 प्रतिशत
3. तृतीय त्रैमास 17 प्रतिशत
4. चतुर्थ त्रैमास 19 प्रतिशत

प्रथम त्रैमास में न्यूनतम त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व के उठान में कमी को द्वितीय त्रैमास तक पूर्ण कर लिया जाना अनुमन्य होगा परन्तु इस हेतु निर्धारित प्रशमन धनराशि जमा करने पर जिला आबकारी अधिकारी से अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। अग्रेतर त्रैमासों में भी न्यूनतम त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व के उठान में कमी को प्रशमन धनराशि जमा करते हुये जिला आबकारी अधिकारी की अनुमति से अगले त्रैमास में पूर्ण कर लिया जाना अनुमन्य होगा और साथ ही बीयर के न्यूनतम त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व के उठान में कमी के प्रकरणों में प्रस्तर-5.6.3 के भी प्राविधान लागू होंगे।

5.6.2 मॉडल शॉप, प्रीमियम मॉडल शॉप और प्रीमियम रिटेल वेण्ड के वार्षिक/मासिक/ त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्‍व में विदेशी मदिरा तथा बीयर और एल्.ए.बी. इत्यादि का राजस्‍व सम्‍मिलित माना जाएगा। 

5.6.3  किसी भी माह/त्रैमास हेतु निर्धारित प्रत्याभूत राजस्व के समतुल्य निकासी लिये जाने के प्राविधान का पालन न किये जाने की स्‍थिति में यह व्यवस्था की जाती है कि संबंधित माह/त्रैमास के बकाया राजस्‍व के समतुल्‍य अतिरिक्‍त प्रतिभूति जमा करने हेतु 10 दिवस का अवसर दिया जायेगा और तत्‍पश्‍चात अतिरिक्‍त प्रतिभूति जमा न होने की स्‍थिति में दुकान के अनुज्ञापन के, लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार, निरस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी और कुल राजस्व क्षति की नियमानुसार वसूली की जायेगी। दुकान पर उपलब्ध अविक्रीत स्टाक को जब्त कर लिया जायेगा। संबंधित माह/त्रैमास के बकाया राजस्‍व के समतुल्‍य अतिरिक्‍त प्रतिभूति समयांतर्गत जमा करने की दशा में अगले माह हेतु निर्धारित प्रत्याभूत राजस्‍व के समतुल्‍य निकासी एवं पिछले माह/त्रैमास तक के बकाया राजस्‍व के समतुल्‍य निकासी अनुज्ञापी द्वारा ली जा सकेगी। किसी माह/त्रैमास तक निर्धारित कुल चलित राजस्‍व के समतुल्‍य निकासी ले लिये जाने पर पूर्व में जमा अतिरिक्‍त प्रतिभूति जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अन्‍य कोई बकाया न रहने की स्‍थिति में अविलम्‍ब वापस कर दी जायेगी। अगले माह/त्रैमास में आवश्यक राजस्व (पिछले माह/त्रैमास के बकाया राजस्व सहित) का उठान न करने पर प्रशमन की कार्यवाही की जायेगी।

5.7 समुद्रपार आयातित विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन एवं एल.ए.बी. की आपूर्ति

5.7.1 वर्ष 2025-26 में समुद्रपार आयातित मदिरा की आपूर्ति हेतु निम्‍नलिखित व्यवस्था लागू की जाती है:-

(1) आयातक इकाई का तात्‍पर्य वैध आयात/निर्यात प्रमाण पत्र (आई.ई.सी.) धारक से है।

(2) समुद्रपार आयातित मदिरा का आयात करने वाली ऐसी समस्‍त आयातक इकाइयों (क) जो प्रदेश में सीधे अपने किसी कस्‍टम बॉण्‍ड में आयात कर अथवा (ख) अन्‍य प्रांतों में स्‍थित किन्‍हीं अन्‍य आयातक इकाइयों के कस्‍टम बाण्‍डों से स्‍थानांतरण प्राप्‍त कर अथवा (ग) अन्‍य प्रांतों में स्‍थित किसी आयातक इकाई के कस्‍टम बॉण्‍ड को स्‍थानांतरण कर अथवा (घ) प्रदेश में स्‍थित किसी अन्‍य आयातक इकाई के कस्‍टम बॉण्‍ड को मदिरा का स्‍थानांतरण कर अथवा (ङ) प्रदेश में समुद्रपार आयातित मदिरा का किसी प्रकार से कार्य करती हों, को उत्‍तर प्रदेश के आबकारी विभाग के विहित पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य होगा। आयातक इकाई एवं उसके किसी एक कस्‍टम बॉण्‍ड के युग्‍म का एक पंजीकरण किया जायेगा। 

(3) आयातक इकाइयों को आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण किया जाना अनिवार्य होगा। इस हेतु पंजीकरण शुल्‍क और नवीनीकरण शुल्क रूपया 50,000/- (रूपया पचास हजार मात्र) निर्धारित किया जाता है जो ऑनलाइन जमा किया जायेगा।

(4) आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत आयातक इकाइयों को परस्‍पर प्रदेश के अंदर एवं प्रदेश से बाहर अथवा प्रदेश के बाहर से प्रदेश के अंदर कस्‍टम बॉण्‍ड से कस्‍टम बॉण्‍ड समुद्रपार मदिरा का स्‍थानांतरण/लेन-देन/व्‍यापार आदि का विवरण विभागीय पोर्टल पर भरा जाना अनिवार्य होगा।

(5) प्रदेश के किसी कस्‍टम बॉण्‍ड के माध्‍यम से समुद्रपार आयातित मदिरा का व्‍यवसाय करने वाली आयातक इकाइयों को प्रदेश के थोक अथवा विहित फुटकर अनुज्ञापनों को समुद्रपार आयातित मदिरा की बिक्री करने हेतु बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन लेना अनिवार्य होगा।  

(6) (क) बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन का लाइसेंस शुल्‍क ₹10,00,000/-(रूपया दस लाख मात्र) एक आबकारी वर्ष अथवा इसके किसी भाग के लिये निर्धारित किया जाता है। प्रतिभूति धनराशि ₹5,00,000/- (रूपया पॉच लाख मात्र) निर्धारित की जाती है। 

  (ख) आपूर्ति को सुचारु बनाये जाने के उददे्श्य से(चॅूकि पारेषण अत्यंत छोटे होते हैं)  बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापनों को प्रदेश में न्यूनतम 3 मास्टर गोडाउन, जहाँ डिबॉण्‍डेड (समस्त देय भुगतानित) समुद्रपार आयातित मदिरा संचित की जा सकेगी और जहाँ  से विहित फुटकर दुकानों और थोक अनुज्ञापनों को आपूर्ति की जा सकेगी, लेना अनुमन्य किया जाता है। ऐसे प्रत्येक मास्टर गोडाउन को बी.आई.ओ.-1(बी) अनुज्ञापन निर्गत किया जायेगा जो पैत्रिक बी.आई.ओ.-1/बी.आइ.ओ.-1ए से ही संबद्ध होंगे और इन्हीं बी.आई.ओ.-1/बी.आइ.ओ.-1ए से पारेषण प्राप्त किये जा सकेंगे। थोक एवं फुटकर अनुज्ञापनों द्वारा अपने मांग पत्र पैत्रिक बी.आई.ओ.-1/बी.आइ.ओ.-1ए पर ही प्रस्तुत किये जायेंगे।

   (7) किसी जनपद के बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन के अंतर्गत उसी जनपद में स्‍थित मात्र एक कस्‍टम बॉण्‍ड ही संबद्ध किया जायेगा परन्‍तु किसी एक कस्‍टम बॉण्‍ड में एक से अधिक आयातक इकाइयों द्वारा पृथक-पृथक स्‍पेस आवंटित कराकर उन्‍हें अपने बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापनों से संबद्ध कराया जा सकता है।

   (8) बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पत्र के अंतर्गत अपेक्षित सूचनाओं के अतिरिक्‍त संबद्ध किये जाने वाले कस्‍टम बॉण्‍ड का अपेक्षित विवरण एवं इसमें स्‍पेस आवंटित होने का प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा। प्रत्‍येक बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन के संचालन हेतु एक डिबॉण्‍डेड मदिरा का गोदाम अनिवार्य होगा जिसका परिसर उसी जनपद में तथा संबद्ध कस्‍टम बॉण्‍ड के परिसर से बाहर होगा। बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन का संचालन उत्तर प्रदेश आबकारी (विदेशी मदिरा के थोक विक्रय हेतु अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2002 (यथासंशोधित) एवं समय-समय पर दिये गये निर्देशों के अनुसार किया जाना अनिवार्य होगा। (9) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत समस्‍त आयातक इकाइयों द्वारा प्रदेश में स्‍थित अपने बी.आई.ओ.-1 से प्रदेश के बाहर के किसी थोक विक्रेता/फुटकर विक्रेता (कस्‍टम बॉण्‍ड को छोड़कर) जिसके पास वैध आयात परमिट हो, को कस्‍टम ड्युटी पेड मदिरा के निर्यात हेतु संबंधित जिला आबकारी अधिकारी से ऑनलाइन निर्यात परमिट अनिवार्य रूप से प्राप्‍त किया जायेगा तथा संबंधित मदिरा की निकासी (निर्यात) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल द्वारा निर्गत परिवहन पास के माध्‍यम से ही की जायेगी। उपरोक्‍त निर्यात (कस्‍टम बॉण्‍ड से अन्‍य कस्‍टम बॉण्‍ड की आपूर्ति को छोड़कर) पर ₹ 300/- प्रति बल्‍क लीटर परमिट फीस देय होगी।

   (10) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों को प्रदेश में स्‍थित अपने कस्‍टम बॉण्‍ड से किसी अन्‍य आयातक इकाई के कस्‍टम बॉण्‍ड को मदिरा के स्‍थानांतरण हेतु पोर्टल पर अपेक्षित समस्‍त सूचनाओं को भरा/अपलोड किया जायेगा तथा संबंधित जिला आबकारी अधिकारी का नि:शुल्‍क अनुमोदन प्राप्‍त किया जाना अनिवार्य होगा।

(11) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों को प्रदेश के बाहर की किसी आयातक इकाई जो उत्‍तर प्रदेश के विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत हों, से ही पोर्टल पर विहित प्रक्रिया के अनुसार बॉण्‍ड टु बॉण्‍ड मदिरा का स्थानांतरण प्राप्त करना होगा अथवा स्थानांतरित करना होगा तथा इस हेतु प्रदेश मे स्थित इकाई को संबंधित जिला आबकारी अधिकारी को सूचित करना होगा।

 (12) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों को विदेश से सीधे मदिरा आयात किये जाने की स्‍थिति में पोर्टल पर विहित प्रक्रिया का पालन करते हुये संबंधित जिला आबकारी अधिकारी को सूचित करना होगा।

  (13) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों को अपने कस्‍टम बॉण्‍ड में प्राप्‍त मदिरा एवं इसकी निकासी का वांछित विवरण, अपेक्षित प्रपत्रों के साथ अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा।

  (14) उत्‍तर प्रदेश के थोक अनुज्ञापनों एवं विहित फुटकर अनुज्ञापनों को समुद्रपार आयातित मदिरा की बिक्री किये जाने वाले समस्‍त ब्राण्‍डों एवं लेबिलों का प्रत्येक बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापी द्वारा अनुज्ञापन वार अनुमोदन/पंजीकरण निर्धारित ऑनलाइन प्रक्रिया एवं निर्धारित शुल्‍क जमा करते हुये, कराया जाना अनिवार्य होगा। इस हेतु ब्राण्ड स्वामी अथवा भारत में संबंधित ब्राण्ड के प्रमुख आयातक/ब्राण्ड  स्वामी का प्राधिकार पत्र अनिवार्य नहीं होगा। इस हेतु भारत सरकार से निर्गत ट़्रेड मार्क प्रमाण पत्र की अनिवार्यता नहीं होगी। इस हेतु विदेश से निर्गत कोई समकक्ष प्रमाण पत्र ही आवश्यक होगा परन्तु किसी विवाद की स्थिति में आबकारी आयुक्त द्वारा निर्णय लिया जायेगा।

  (15) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों के प्रदेश में स्‍थित कस्‍टम बाण्‍डों में संचित किये जाने वाले ऐसे समस्‍त ब्राण्‍डों एवं लेबिलों, जिनकी बिक्री उत्‍तर प्रदेश के थोक अनुज्ञापनों एवं विहित फुटकर अनुज्ञापनों को नहीं की जानी होगी, का भी ऑनलाइन अनुमोदन/पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य होगा। यह अनुमोदन/पंजीकरण नि:शुल्‍क होगा।

  (16) उत्‍तर प्रदेश आबकारी विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत एवं उत्‍तर प्रदेश में कार्यरत समस्‍त आयातक इकाइयों को प्रत्‍येक कस्‍टम बॉण्‍ड टु कस्‍टम बॉण्‍ड निकासी से संबंधित रीवेयरहाउसिंग प्रमाण पत्र पोर्टल पर नियत समयावधि में अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा। प्रदेश के किसी कस्टम बॉण्‍ड से किसी अन्य कस्टम बॉण्‍ड हेतु जाने वाले समस्त पारेषणों को उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा निर्गत एफ.एल.-36 परिवहन पास के अंतर्गत ही प्रेषित किया जायेगा।  

  (17) समुद्रपार विदेशी मदिरा अथवा बीयर के पारेषण छोटे होते हैं अत: बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापन से कई गंतव्‍य स्‍थानों हेतु एक ही वाहन से मदिरा का परिवहन किये जाने की अनुमन्‍यता प्रदान की जायेगी।

  (18) वर्ष 2025-26 हेतु गतवर्ष के बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापनों का नवीनीकरण उपरोक्त प्राविधानों के अंतर्गत कराया जाना अनुमन्य होगा। नवीनीकरण फीस ₹ 1,00,000/- (रूपया एक लाख मात्र) निर्धारित की जाती है। नये बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापनों हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस ₹ 1,00,000/- (रूपया एक लाख मात्र) होगी। नवीनीकरण के मामलों में प्रासेसिंग फीस नहीं ली जायेगी।

  (19) यदि उत्तर प्रदेश के किसी कस्टम बाण्ड के माध्यम से मदिरा व्यवसाय करने वाली आयातक इकाई द्वारा विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया जाता है तब उसके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जायेगी।

  (20) बी.आई.ओ.-1 अनुज्ञापी यदि किसी अन्य नगर निगम के जनपद अथवा मण्डल मुख्यालय के जनपद में भी अनुज्ञापन लेना चाहता है तब उसे बी.आई.ओ.-1 ए अनुज्ञापन स्वीकृत किया जायेगा जिसकी लाइसेंस फीस ₹ 5,00,000/- (रूपया पाँच लाख मात्र) होगी। इस लाइसेंस को बी.आई.ओ.-1 की समस्त सुविधायें प्राप्त होंगी। 

5.8 भांग

5.8.1 लाइसेंस फीस

   भांग की फुटकर दुकानों की वर्ष 2025-26 हेतु वार्षिक लाइसेंस फीस, प्रस्तर-5.11(1)के अनुसार तर्कसंगत रूप से पुनर्आवंटित की गयी लाइसेंस फीस 10 प्रतिशत वृद्धि करते हुये ₹1,000/- के अगले गुणक में निर्धारित की जाती है। वर्ष 2024-25 में जिन भांग दुकानों का नियमित व्‍यवस्‍थापन नहीं हो सका उन्‍हें समाप्‍त किया जाता है।

5.8.3  भांग की थोक आपूर्ति

   वर्ष 2024-25 में भांग की थोक आपूर्ति के संबंध में की गयी व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 में इस संबंध में कोई नवीन व्यवस्था लागू होने तक यथावत रखा जाता है। भांग की थोक आपूर्ति हेतु आपूर्तकों के चयन और प्राप्त दरों का अनुमोदन आबकारी आयुक्त द्वारा किया जायेगा।

5.9 कम्‍पोजिट दुकानों, भांग की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप का सृजन

5.9.1 वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित कम्‍पोजिट दुकानों एवं वर्ष 2024-25 में व्यवस्थित देशी मदिरा, मॉडल शॉप, की कुल दुकानों के 3 प्रतिशत तक के समतुल्‍य दुकानों के सृजन का अधिकार आबकारी आयुक्त, उ.प्र. को दिया जाता है। इससे अधिक की आवश्यकता पड़ने पर शासन की अनुमति से नई दुकानों का सृजन किया जा सकेगा। 

5.9.2 नवसृजित देशी मदिरा, कम्‍पोजिट दुकानों का न्‍यूनतम एम.जी.क्यू./बेसिक लाइसेंस फीस/लाइसेंस फीस

5.9.2.1 वर्ष 2025-26 हेतु असेवित क्षेत्र में नवसृजित देशी मदिरा की दुकानों का न्‍यूनतम एम.जी.क्यू. एवं  नवसृजित कम्‍पोजिट दुकानों की न्‍यूनतम लाइसेंस फीस निम्नवत् निर्धारित की जाती है:-

क्र. सं. नवसृजित दुकान की प्रास्थिति न्यूनतम एम.जी.क्यू. (36 प्रतिशत वी./वी.)  (ब.ली.में) एवं यथास्थिति लाइसेंस फीस-3 न्यूनतम लाइसेंस फीस 

      (₹)

देशी मदिरा कम्‍पोजिट दुकान
1. नगर निगम व इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि तक 1-एम.जी.क्‍यू.-26,600

2-लाइसेंस फीस-3-प्रस्‍तर-5.1.3(ख) के अनुसार

1-लाइसेंस फीस-1-₹13,60,000/-

2-लाइसेंस फीस-2-₹2,60,000/-

2. नगर पालिका व इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि तक 1-एम.जी.क्‍यू.-19,000

2-लाइसेंस फीस-3-प्रस्‍तर-5.1.3(ख) के अनुसार

1-लाइसेंस फीस-1-₹4,65,000/-

2-लाइसेंस फीस-2-₹1,40,000/-

3. नगर पंचायत व इसकी सीमा से 01 कि.मी. की परिधि तक 1-एम.जी.क्‍यू.-11,500

2-लाइसेंस फीस-3-प्रस्‍तर-5.1.3(ख) के अनुसार

1-लाइसेंस फीस-1-₹2,25,000/-

2-लाइसेंस फीस-2-₹85,000/-

4. ग्रामीण 1-एम.जी.क्‍यू.-6,600

2-लाइसेंस  फीस-3-प्रस्‍तर-5.1.3(ख) के अनुसार

1-लाइसेंस फीस-1-₹1,20,000/-

2-लाइसेंस फीस-2-₹75,000/-

नोट:- 1-नवसृजित कम्‍पोजिट दुकानों की लाइसेंस फीस के निर्धारण के साथ ही उनकी लाइसेंस फीस-1 तथा लाइसेंस फीस-2 का निर्धारण करते हुये तदनुसार एम.जी.आर.(एफ.एल.) एवं एम.जी.आर. (बीयर) का निर्धारण भी किया जायेगा। 

2- नवसृजित देशी मदिरा दुकानों के व्‍यवस्‍थापन के पश्‍चात अनुज्ञापी के आवेदन करने पर ही लाइसेंस  फीस3 का निर्धारण करते हुये तदनुसार एम.जी.आर.(सीएल-बीयर) भी निर्धारित किया जायेगा।   

5.9.2.2 नवसृजित मॉडल शॅाप की लाइसेंस फीसः-

   वर्ष 2025-26 हेतु नवसृजित मॉडल शॉप्स की लाइसेंस फीस गतवर्ष की भॉति निम्नानुसार निर्धारित की जाती है:-

क्र.सं. निकाय लाइसेंस फीस (रूपये में)
1. लखनऊ एवं गाजियाबाद के नगर निगम क्षेत्र तथा नोयडा और ग्रेटर नोयडा के प्राधिकरण क्षेत्र के लिये न्यूनतम ₹75.00 लाख।
2. अन्य नगर निगम क्षेत्रों के लिये न्यूनतम ₹65.00 लाख।
3. अन्य स्थानों पर स्थित मॉडल शॉप्स के लिये न्यूनतम ₹22.00 लाख।

        प्रतिभूति धनराशि कम्‍पोजिट दुकानों की भॉति लाइसेंस फीस का 10 प्रतिशत निर्धारित की जाती है।

5.10 देशी मदिरा दुकानों, कम्पोजिट दुकानों  एवं भांग की फुटकर दुकानों और प्रीमियम रिटेल वेण्ड तथा मॉडल शॉप का वर्ष 2025-26 हेतु व्यवस्थापन/नवीनीकरण

   वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के अनुज्ञापनों का, अनुज्ञापी के आवेदन  पर वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित देयताओं/प्रतिबंधों के अधीन, नवीनीकरण किया जायेगा। देशी मदिरा दुकानों, कम्पोजिट दुकानों, मॉडल शॉप और भांग की फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन ई-लाटरी के माध्यम से किया जायेगा।    

5.10.1 प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों का वर्ष 2025-26 हेतु निम्नांकित शर्तों के अधीन नवीनीकरण किया जायेगा

  1. अंतिम व्यपगत मास तक की समस्त देयताएं बेबाक हों।
  2. वर्ष 2024-25 की प्रतिभूति धनराशि जमा एवं सुरक्षित हो।
  3. नवीनीकरण हेतु इच्‍छुक अनुज्ञापी को ₹10/- के नॉनजुडीशियल स्टाम्प पेपर पर नोटेराइज्ड शपथ पत्र भी निर्धारित प्रारूप (संलग्‍नक-2) पर देना होगा। 

   पूर्व के भवन/परिसर की अनुपलब्धता की स्थिति में दुकानों का नवीनीकरण इस शर्त के साथ कि उक्त दुकान की अवस्थिति में परिवर्तन न हो, परिवर्तित चौहद्दी पर भी किया जा सकता है, और इस संबंध में लाइसेंस प्राधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।

5.10.2  प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के वर्ष 2025-26 हेतु नवीनीकरण की प्रक्रिया का निर्धारण 

    (क) संबंधित जनपद के जिला कलेक्‍टर/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा न्यूनतम 02 बहुप्रचलित स्थानीय समाचार पत्रों में और जनपद की वेबसाइट पर संक्षिप्त विज्ञप्ति जिसका सामान्य प्रारूप आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित किया जायेगा, प्रकाशित कराकर जनपद की व्यवस्थित और नवीनीकरण हेतु अर्ह प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के अनुज्ञापियों से नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र ऑनलाइन मांगे जायेंगे। विज्ञप्ति में यह अंकित होगा कि दुकानों से संबंधित अन्य आवश्यक विवरण संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय, जनपद की वेबसाइट, ई-लॉटरी पोर्टल एवं विभागीय वेबसाइट से प्राप्त किये जा सकते हैं। 

   (ख) वर्ष 2024-25 की अर्ह प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के अनुज्ञापियों में से नवीनीकरण हेतु इच्छुक अनुज्ञापियों द्वारा नवीनीकरण प्रार्थना पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किया जायेगा। उपरोक्त वर्णित शपथ-पत्र जिसका प्रारूप संलग्‍नक-2 है, अपलोड किया जायेगा तथा प्रोसेसिंग फीस एवं नवीनीकरण फीस की धनराशि को ऑनलाइन जमा किया जायेगा। नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र की प्रासेसिंग फीस वर्ष 2025-26 हेतु ₹75,000/- निर्धारित की जाती है। नवीनीकरण फीस भी ₹75,000/- निर्धारित की जाती है।

   आवेदन पत्र प्राप्त होने की तिथि से 03 कार्य दिवस के अंदर लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा नवीनीकरण पर निर्णय लेते हुये संबंधित इच्छुक अनुज्ञापी को नवीनीकरण शुल्क तथा दुकान की वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस की 50 प्रतिशत धनराशि बैंक/कोषागार के 03 कार्य दिवस के अंदर जमा करने का निर्देश दिया जायेगा। शेष 50 प्रतिशत धनराशि अगले 15 दिवस में अनुज्ञापी को जमा करना अनिवार्य होगा। 

   (ग) अनुज्ञापी द्वारा उपरोक्तानुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करने अथवा उसके द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र का पालन न करने पर उसका नवीनीकरण निरस्त कर दिया जायेगा तथा उसकी वर्ष 2024-25 की प्रतिभूति जो 2025-26 के लिये अग्रेनीत की जानी थी, का 15 प्रतिशत एवं वर्ष 2025-26 की नवीनीकरण फीस राज्य सरकार के पक्ष में जब्त कर ली जायेगी।

    यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि यदि किसी दुकान का वर्ष 2025-26 हेतु नवीनीकरण संपन्‍न होने के पश्‍चात वर्ष 2024-25 के अनुज्ञापन की शर्तों के उल्‍लंघन अथवा अन्‍य किसी अनियमितता से उस दुकान का अनुज्ञापन वर्ष 2024-25 में निरस्‍त कर दिया जाता है तब उस दुकान के संबंध में वर्ष 2025-26 हेतु जमा लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति का अंतर (यदि जमा किया गया हो) राज्य सरकार के पक्ष में जब्त नहीं किया जायेगा परन्तु नवीनीकरण एवं प्रासेसिंग फीस वापस नहीं होगी।

   यह भी स्पष्ट किया जाता है कि नवीनीकरण कराने के पश्चात दुकान को उचित अवस्थिति में खोलने और संचालित करने का संपूर्ण दायित्व अनुज्ञापी का होगा।

5.11 ई-लाटरी द्वारा दुकानों का व्‍यवस्‍थापन

देशी मदिरा, विदेशी मदिरा तथा बीयर की फुटकर बिक्री की दुकानों एवं मॉडल शॉप का दुकानवार व्‍यवस्‍थापन वर्ष 2018-19 में ई-लाटरी के माध्‍यम से किया गया था। इसी वर्ष भॉग की फुटकर दुकानों का व्‍यवस्‍थापन नीलामी/सह-टेण्‍डर प्रणाली के माध्‍यम से कराया गया था। कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदाओं, स्थानीय तथा आम निर्वाचन संबंधी बाध्‍यताओं के कारण दुकानों का नवीनीकरण वर्ष 2018-19 से वर्ष 2024-25 तक किया जाता रहा है। दुकानों के व्यवस्थापन में पारदर्शिता, निष्पक्षता तथा सभी को समान अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से तथा व्यापक राजस्व हित में वर्ष 2025-26 हेतु देशी मदिरा की समस्त दुकानों, कम्पोजिट दुकानों, भांग की दुकानों, सभी मॉडल शॉप (प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों को छोड़कर) का व्यवस्थापन ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कर ई-लाटरी के माध्यम से दुकानवार किया जायेगा। 

अनुज्ञापियों के व्यवसाय में स्थायित्व लाने, दुकानों में किये जाने वाले निवेश को प्रोत्साहित करने तथा राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से वर्ष 2025-26 में ई-लाटरी द्वारा व्यवस्थित समस्त दुकानों का वर्ष 2026-27 हेतु नवीनीकरण का विकल्प उपलब्ध होगा। प्रस्तर 5.5.1(ब) में उल्लिखित प्रीमियम मॉडल शॉप्‍स को निर्धारित देयताओं एवं प्रतिबंधों/शर्तों पर नवीनीकरण कराने का विकल्प वर्ष 2026-27 के साथ वर्ष 2027-28 के लिये भी उपलब्ध होगा। वर्ष 2026-27 तथा प्रीमियम मॉडल शॉप की स्थिति में वर्ष 2027-28 हेतु नवीनीकरण किये जाने की अनुमन्यता पर अंतिम निर्णय लिये जाने का सर्वाधिकार राज्य सरकार के पास रहेगा।

तद्क्रम में वर्ष 2024-25 हेतु अपनायी गयी ई-लॉटरी प्रक्रिया में निम्‍नलिखित सीमा तक संशोधन किया जाता है:-

5.11(1)  ई-लाटरी की प्रक्रिया प्रारम्‍भ किये जाने से पूर्व प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड एवं कम्पोजिट दुकानों को छोड़ते हुये, अन्‍य समस्‍त फुटकर दुकानों के एम.जी.क्यू./न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व/लाइसेंस फीस को संबंधित दुकान की गत 03 वर्षों में हुयी बिक्री, एम.जी.क्यू./एम.जी.आर. के अंतरण व नवीनीकरण को संज्ञान में लेते हुये तर्क संगत ढंग से पुनर्आवंटित किया जायेगा। किसी भी दुकान के वर्ष 2024-25 हेतु व्‍यवस्थित एम.जी.क्‍यू./न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस आदि को इसके 70 प्रतिशत से कम निर्धारित नहीं किया जायेगा परन्‍तु किसी भी दुकान के वर्ष 2024-25 हेतु व्‍यवस्थित एम.जी.क्‍यू./न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस में वृद्धि हेतु कोई सीमा नहीं होगी। उक्त कार्यवाही जिला आबकारी अधिकारी के स्तर पर सम्पादित की जायेगी तथा इस प्रक्रिया को ससमय पारदर्शी तथा निष्पक्ष रूप से एवं राजस्वहित में क्रियान्वयित करने का संपूर्ण उत्तर दायित्व संबंधित जिला आबकारी अधिकारी तथा संबंधित आबकारी निरीक्षक का होगा। संबंधित उप आबकारी आयुक्त तथा संयुक्त आबकारी आयुक्त इस प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्‍पक्ष रूप से तथा राजस्‍वहित में सुनिश्चित कराने हेतु उत्‍तरदायी होंगे। यदि किसी दुकान का वार्षिक एम.जी.क्‍यू./न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस को 70 प्रतिशत से कम किया जाना आवश्यक पाया जाय तब इस पर संबंधित उप आबकारी आयुक्त की संस्तुति के आधार पर लाइसेंस प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। किसी भी दशा में किसी भी दुकान का वार्षिक एम.जी.क्‍यू./न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस आदि को 50 प्रतिशत से कम नहीं किया जा सकेगा। न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस की वृद्धि हेतु प्रत्येक दुकान के लिये एक समान प्रतिशत दर की अनिवार्यता नहीं होगी। इस तर्कसंगत पुनर्आवंटन की प्रक्रिया के परिणाम स्‍वरूप किसी भी जनपद का देशी मदिरा दुकानों के संबंध में कुल व्‍यवस्थित वार्षिक एम.जी.क्‍यू. वर्ष 2024-25 और भॉग दुकानों सहित मॉडल शॉप की कुल व्‍यवस्थित लाइसेंस फीस और न्‍यूनतम प्रत्याभूत वार्षिक राजस्‍व वर्ष 2024-25 से कम नहीं होगा। 

(2)  उक्त उपप्रस्‍तर-(1) की कार्यवाही करने के पश्‍चात इस आबकारी नीत‍ि के प्रस्‍तर 5.1.2, 5.6.1 एवं 5.8.1 के अनुसार (कम्पोजिट दुकानों को छोड़कर) अन्य दुकानों के एम.जी.क्‍यू./न्‍यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्‍व/लाइसेंस फीस आदि में वृद्धि करते हुये वर्ष 2025-26 हेतु इनका निर्धारण वर्ष 2025-26 की नीति के अनुसार किया जायेगा। कम्पोजिट दुकानों के संबंध में वर्ष 2025-26 हेतु लाइसेंस फीस एवं न्यूनतम वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व का निर्धारण प्रस्तर-5.2.1 के अनुसार रहेगा। 

(3) किसी दुकान के लिये किसी आवेदक द्वारा 01(एक) ही आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया जा सकेगा। प्रत्येक आवेदन पर पृथक-पृथक प्रासेसिंग फीस देय होगी। एक दुकान हेतु 01 से अधिक आवेदन एक ही आवेदक का पाये जाने पर 01 से अधिक समस्‍त अतिरिक्‍त आवेदन पत्रों को निरस्‍त करते हुये इनकी प्रासेसिंग फीस समपह़ृत कर ली जायेगी। 

(4) एक आवेदक द्वारा एक से अधिक दुकानों हेतु आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किये जा सकेंगे, किन्‍तु एक आवेदक को संपूर्ण प्रदेश में अधिकतम 02 दुकानें ही ई-लॉटरी प्रक्रिया में आवंटित हो सकेंगी। यह 02 दुकानें एक ही जनपद अथवा एक से अधिक जनपदों में भी आवंटित हो सकेगीं। इस हेतु एन.आई.सी. के ई-लॉटरी पोर्टल पर आवश्‍यक सुधार किये जायेंगे। अनुज्ञापी की मृत्‍यु के फलस्‍वरूप विधिक वारिस के पक्ष में अनुज्ञापन के नामांतरण वाले मामलों में उक्‍त प्रतिबंध का संज्ञान नहीं लिया जाएगा।

(5) ईज़ आफ डूइंग बिजिनेस की दृष्टि से ई-लॉटरी हेतु आवेदन प्रक्रिया में धरोहर धनराशि के बैंक ड्राफ्ट को पोर्टल पर अपलोड करने और बैंक ड्राफ्ट की मूल प्रति संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में प्रस्‍तुत किये जाने का प्राविधान समाप्त किया जाता है।

(6) आवेदन पत्र के साथ आवेदक को अपना नॉमिनेशन शपथ-पत्र तथा नॉमिनी का सहमति शपथ पत्र ई-लॉटरी पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा। इस हेतु एन.आई.सी. के ई-लॉटरी पोर्टल पर आवश्‍यक सुधार किये जायेंगे।

(7) आवेदकों के पैन के अधिप्रमाणन की ऑनलाइन सुविधा सक्षम संस्‍था से ई-लॉटरी पोर्टल पर प्राप्‍त की जायेगी। 

(8) पूर्व आवेदकों/अनुज्ञापियों द्वारा ई-लाटरी पोर्टल पर वर्ष 2024-25 हेतु किये गये पंजीकरण के आधार पर आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किये जायेंगें वरन् नये सिरे से समस्‍त आवेदकों को ई-लॉटरी पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

(9) वर्ष 2025-26 हेतु दुकानों की प्रासेसिंग फीस का निर्धारण निम्नवत किया जाता है:-

क्र.सं. फुटकर दुकान का प्रकार आवेदन पत्र की प्रासेसिंग फीस (रुपये में) 
जनपद गौतमबुद्ध नगर के विकास प्राधिकरण क्षेत्रों एवं इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि के क्षेत्रांतर्गत गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर के नगर निगम आच्छादित क्षेत्र व इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि के क्षेत्रांतर्गत स्थित दुकानें

(श्रेणी-1)

श्रेणी-1 को छोड्कर अन्य नगर निगम व इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि के क्षेत्रांतर्गत स्थित दुकानें

(श्रेणी-2)

नगर पालिका  व इसकी सीमा से 03 कि.मी. की परिधि के क्षेत्रांतर्गत स्थित दुकानें

(श्रेणी-3)

नगर पंचायत व इसकी सीमा से 01 कि.मी. की परिधि के क्षेत्रांतर्गत स्थित दुकानें

(श्रेणी-4)

ग्रामीण क्षेत्रांतर्गत स्थित दुकानें 

(श्रेणी-5)

1 देशी मदिरा ₹65,000/- ₹60,000/- ₹50,000/- ₹45,000/- ₹40,000/-
2 कम्पोजिट दुकान ₹90,000/- ₹85,000/- ₹75,000/- ₹65,000/- ₹55,000/-
3 मॉडल शॉप ₹1,00,000/- ₹90,000/- ₹80,000/- ₹70,000/- ₹60,000/-
4 भांग  ₹25,000/- ₹25,000/- ₹25,000/- ₹25,000/- ₹25,000/-

  उक्त प्रासेसिंग फीस नॉन-रिफन्डेबुल होगी। 

5.11.1 ई-लॉटरी का प्रथम चरण वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित एम.जी.क्‍यू./लाइसेंस फीस/वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व (जिसका मासिक/त्रैमासिक विभाजन प्रस्तर-5.6.1 के अनुसार किया जायेगा) पर होगा।

प्रतिभूति निर्धारित अवधि तक न जमा करने पर ₹ 2,000/- प्रति दिवस की दर से विलम्ब शुल्क आरोपित होगा। विलम्ब शुल्क सहित मात्र 15 दिवस की अवधि प्रतिभूति जमा करने हेतु अनुमन्य होगी और इस अतिरिक्त अवधि में भी प्रतिभूति जमा न करने पर आवंटन/अनुज्ञापन निरस्त कर दिया जायेगा।

5.11.3 (क) ई-लॉटरी से व्यवस्थित होने वाली दुकान की प्रतिभूति का 50 प्रतिशत ई-लॉटरी की तिथि से 10 दिवस के अंदर, 30 प्रतिशत ई-लॉटरी की तिथि से 25 दिवस के अंदर एवं अवशेष 20 प्रतिशत ई-लॉटरी की तिथि से 35 दिवस के अंदर जमा करना अनिवार्य होगा। इस समय सारिणी से विचलन की स्थिति की दशा में ऊपरिवर्णित दर से प्रतिदिवस विलम्ब शुल्क आरोपित होगा। राजस्व हित में वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु प्रतिभूति के रूप में केवल ऑनलाइन सत्यापन योग्य एवं आबकारी आयुक्त अथवा जिला आबकारी अधिकारी को प्लेज्ड ई-बैंक गारण्टी ही स्वीकार की जायेगी। इस हेतु एन.आई.सी. द्वारा यथाशीघ्र ई-लॉटरी पोर्टल पर इस हेतु आवश्यक सुविधा विकसित की जायेगी। चूँकि यह प्रणाली प्रथम बार क्रियान्वित की जा रही है अत: राजस्व हित में विषम परिस्थितियाँ उत्पन्न होने पर वैकल्पिक व्यवस्था स्‍थापित किये जाने हेतु आबकारी आयुक्त को अधिकृत किया जाता है। नवीनीकृत अनुज्ञापनों के प्रकरणों में पूर्व से जमा प्रतिभूति तब तक मान्य होगी जब तक उसका वापसी न कर दी गयी हो। प्रत्येक अनुज्ञापी को यह विकल्प प्राप्त होगा कि वह अपने अनुज्ञापन के संबंध में प्रतिभूति के रूप में ई-बैंक गारण्टी जमा कर अपनी पुरानी प्रतिभूति (जो सावधि जमा रसीद अथवा राष्ट्रीय बचत पत्र अथवा नगद के रूप मे जमा हुयी हो और विभाग के पास सुरक्षित हो) की वापसी की मांग करे। ऐसी स्थिति में भुगतानकर्ता अधिकारी द्वारा तत्काल भुगतान/वापसी की कार्यवाही की जायेगी।   

(ख) ई-लॉटरी का प्रत्येक चरण सम्पूर्ण प्रदेश में एक ही दिन में संपन्न कराया जाएगा। ई-लॉटरी प्रणाली से दुकानों का व्यवस्थापन गत वर्ष की भांति एन.आई.सी. के माध्यम से कराया जाएगा। ई-लाटरी से संबंधित सुसंगत सूचना को आबकारी विभाग की वेबसाइट के अतिरिक्त प्रत्येक जनपद की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य होगा।

   () ई-टेण्‍डर के पश्‍चात कुल अव्‍यवस्‍थित एम.जी.क्‍यू. अथवा लाइसेंस फीस के व्‍यवस्‍थापन हेतु जिले में आवश्‍यक नयी दुकानों का सृजन कर कुल अव्‍यवस्‍थित एम.जी.क्‍यू. अथवा लाइसेंस फीस को व्‍यवस्‍थित कराने हेतु अग्रेतर चरण का व्‍यवस्‍थापन कराया जायेगा। इस हेतु अव्यवस्थित/नवसृजित देशी मदिरा दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस रूपया 32/- प्रति लीटर एम.जी.क्यू. (पुनर्आवंटित) के आधार पर निर्धारित की जायेगी। अव्यवस्थित एवं नवसृजित दुकानों के मध्य अव्यवस्थित कुल वार्षिक प्रत्याभूत राजस्व/ एम.जी.आर. (एफ.एल.) एवं एम.जी.आर.(बीयर) का पुनर्आवंटन तर्कसंगत ढंग से किया जायेगा।

   () उपरोक्त उप प्रस्तर-(ख) से आच्छादित अव्यवस्थित एवं नवसृजित दुकानों का व्‍यवस्‍थापन ई-लॉटरी के माध्‍यम से किया जाएगा और ई-लॉटरी के अंतिम चरण के पश्चात व्यवस्थापन का एक अंतिम प्रयास किया जायेगा और जनपद की अवशेष समस्त अव्यवस्थित दुकानों को ई-टेण्डर से व्यवस्थित कराया जायेगा तत्पश्चात अव्यवस्थित समस्त दुकानें समाप्त हो जायेंगी।  

() दुकानों को दैनिक आधार पर चलाया जाना

   फुटकर दुकानों के दैनिक आधार पर संचालन के संबंध में वर्ष 2024-25 की व्‍यवस्‍था को यथावत रखा जाता है। 

यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि राजस्‍वहित में दैनिक व्‍यवस्‍थापन की प्रक्रिया में प्राप्‍त एकल ऑफर भी स्‍वीकार किये जायेंगे। यह ऑफर कम से कम निर्धारित देयताओं के समतुल्‍य होना चाहिये। यदि लगातार 2 बार ऑफर मांगने की प्रक्रिया में भी निर्धारित देयताओं के समतुल्य आफर प्राप्त नहीं होता है तब तीसरे चरण में राजस्वहित में निर्धारित देयताओं से कम के ऑफर भी स्वीकार किये जाने का अधिकार लाइसेंस प्राधिकारी को प्रदान किया जाता है। किसी भी स्थिति में निर्धारित देयताओं के 80 प्रतिशत से कम पर ऑफर स्वीकार नहीं किये जायेंगे।  

     () दुकानों का मध्य सत्र में व्यवस्थापन/पुनर्व्‍यवस्‍थापन 

   दुकानों के मध्य सत्र में पुनर्व्‍यवस्‍थापन के संबंध में वर्ष 2024-25 में लागू व्यवस्था को वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है। मध्य सत्र में व्यवस्थापित की जाने वाली दुकानों की ई-टेण्डर प्रक्रिया में एकल टेण्डर भी स्वीकार किये जायेंगे। देयताओं के निर्धारण के संबंध में यथासमय निर्देश निर्गत किये जायेंगे।

 की प्रक्रिया प्रस्तर-5.11.2 एवं इसके उपप्रस्तरों के अनुसार होगी।

(छ)  प्रतिभूति की धनराशि को जमा किये जाने की प्रक्रिया

   वर्ष 2025-26 हेतु प्रतिभूति की धनराशि को प्रस्तर 5.11.3(क) में प्राविधानित व्यवस्थानुसार ई-बैंक गारण्टी के रूप में ही स्‍वीकार किया जाएगा। प्रीमियम रिटेल वेण्ड के संबंध में पूर्व में अन्‍य प्रकार से जमा की गयी प्रतिभूति तब तक मान्‍य होगी जब तक उसकी वापसी न कर दी गयी हो। प्रीमियम रिटेल वेण्ड के अनुज्ञापी को यह विकल्प प्राप्त होगा कि वह प्रतिभूति के रूप में ई-बैंक गारण्टी जमा कर अपनी पुरानी प्रतिभूति की वापसी की मांग करे। ऐसी स्थिति में भुगतानकर्ता अधिकारी द्वारा तत्काल भुगतान/वापसी की कार्यवाही की जायेगी।   

     (ज) अभिलेखों का प्रस्तुतीकरण       

(1) वर्ष 2025-26 में मदिरा/भांग की फुटकर दुकानों के आवेदकों को आवेदन पत्र के साथ पैन कार्ड, हैसियत प्रमाण पत्र अथवा अधिकृत आयकर वैलुअर द्वारा निर्गत धारित सम्पत्ति प्रमाण पत्र तथा आयकर रिटर्न का विवरण अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा।

(2) देशी मदिरा की दुकान के लिये दुकान की बेसिक लाइसेंस फीस एवं लाइसेंस फीस के योग की धनराशि के 1/6 भाग के समतुल्य तथा कम्पोजिट दुकान और भांग की फुटकर दुकानों तथा मॉडल शॉप्स के लिये दुकान की लाइसेंस फीस की धनराशि के अन्यून धनराशि का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी हैसियत प्रमाण पत्र अथवा अधिकृत आयकर वैलुअर द्वारा निर्गत धारित सम्पत्ति प्रमाण-पत्र (मूल रूप में) वांछित होगा तथा चयन होने की दशा में इसे मूल रूप में प्राप्त करने के उपरान्त ही अनुज्ञापन निर्गत किया जाएगा। दिनांक 01.01.2024 के पश्चात निर्गत हैसियत प्रमाण-पत्र मान्य होंगे। यदि हैसियत प्रमाण-पत्र अथवा अधिकृत आयकर वैलुअर द्वारा निर्गत धारित सम्पत्ति प्रमाण-पत्र की मूल प्रति किसी अन्य जिला के आबकारी कार्यालय में जमा है तब इसकी प्रमाणित छाया प्रति, जिसे मूल प्रति प्राप्तकर्ता जिला आबकारी अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जायेगा, प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

(3) आवेदन पत्र के साथ निर्धारित शपथ-पत्र भी अपलोड करना अनिवार्य होगा।

(4) वर्ष 2025-26 हेतु नवीनीकृत होने वाली प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों के संबंध में वर्ष 2024-25 हेतु व्यवस्थापन के दौरान प्रस्तुत किये गये हैसियत प्रमाण-पत्र, वैधता समाप्त न हो तो मान्य होंगे। वैधता समाप्त होने की स्थिति में नया हैसियत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 

5.12 थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2, एफ.एल.-2बी) का नवीनीकरण

5.12.1  वर्ष 2024-25 में स्वीकृत थोक अनुज्ञापनों के इच्‍छुक अनुज्ञापियों द्वारा वर्ष 2025-26 की निर्धारित देयताओं और अन्य शर्तों एवं प्रतिबंधों से सहमति की दशा में अपने थोक अनुज्ञापनों का वर्ष 2025-26 हेतु नवीनीकरण गत वर्ष की भाँति अनुमन्‍य किया जाता है।

   वर्ष 2024-25 में स्वीकृत थोक अनुज्ञापनों को निम्नांकित शर्तों के अधीन 2025-26 हेतु नवीनीकृत किया जाएगा:-

(1)  अंतिम व्यपगत मास तक की समस्त देयताएं बेबाक हों।

(2)  वर्ष 2024-25 की प्रतिभूति धनराशि जमा एवं सुरक्षित हो।

(3)  अनुज्ञापी के विरुद्ध कोई गम्भीर अनियमितता वर्ष 2024-25 में न पायी गयी हो।

(4) अनुज्ञापी को इस आशय का ₹.10/- के नॉनजुडीशियल स्टाम्प पेपर पर नोटेराइज्ड शपथ पत्र भी देना होगा कि वह वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित समस्त देयतायें देने को तैयार है तथा उसके अनुज्ञापन के वर्तमान परिसर, स्थान की चौहद्दी में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उक्त थोक अनुज्ञापन के लिये आवश्यक सभी अर्हतायें रखता है। वर्तमान अनुज्ञापन को पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से दिनांक 31 मार्च, 2025 तक संचालित करेगा और कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जिससे गम्भीर अनियमितता अथवा अनुज्ञापन निरस्तीकरण की स्थिति उत्पन्न हो। अनुज्ञापन की शर्तों का पालन न करने अथवा शपथ पत्र में उल्लिखित तथ्यों के विपरीत कार्य करने की दशा में उसका नवीनीकरण निरस्त कर दिया जाये तथा उसकी वर्ष 2024-25 की प्रतिभूति का 50 प्रतिशत एवं वर्ष 2025-26 की नवीनीकरण फीस एवं लाइसेंस फीस राज्य सरकार के पक्ष में जब्त कर ली जाये। प्रतिभूति की जब्ती की दशा में वर्ष 2024-25 हेतु आवश्यक प्रतिभूति की प्रतिपूर्ति करेगा।

   गतवर्ष की भांति थोक अनुज्ञापनों के नवीनीकरण हेतु संबंधित उप आबकारी आयुक्त प्रभार तथा उसके अनुमोदन हेतु संयुक्त आबकारी आयुक्त संबंधित जोन को प्राधिकृत किया जाता है।

5.12.2  देशी मदिरा, विदेशी मदिरा, बीयर के थोक अनुज्ञापनों एवं बॉण्‍ड अनुज्ञापनों के नवीनीकरण की प्रक्रिया

(1) सर्वप्रथम आबकारी आयुक्त द्वारा न्यूनतम 02 बहुप्रचलित स्थानीय समाचार पत्रों  में और वेबसाइट पर सक्षिप्त विज्ञप्ति प्रकाशित कराकर प्रदेश में व्यवस्थित देशी मदिरा, विदेशी मदिरा और बीयर के थोक अनुज्ञापनों एवं बॉण्‍ड के अनुज्ञापियों से नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र ऑनलाइन मांगे जायेंगे। विज्ञप्ति में यह अंकित होगा कि उक्त अनुज्ञापनों से संबंधित अन्य आवश्यक विवरण आबकारी आयुक्त कार्यालय एवं विभागीय पोर्टल से प्राप्त किये जा सकते हैं।

(2) थोक अनुज्ञापनों अथवा बॉण्‍ड अनुज्ञापनों के वर्ष 2024-25 के अनुज्ञापियों में से नवीनीकरण हेतु इच्छुक अनुज्ञापी द्वारा नवीनीकरण प्रार्थना पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किया जायेगा, उपरोक्त वर्णित शपथ-पत्र जिसका प्रारूप संलग्‍नक-3 है एवं संबंधित जिला आबकारी अधिकारी द्वारा निर्गत अनापत्‍ति प्रमाण पत्र अपलोड किया जायेगा तथा नवीनीकरण शुल्क की धनराशि को ऑनलाइन जमा किया जायेगा। आवेदन पत्र प्राप्त होने की तिथि से 07 कार्य दिवस के अंदर लाइसेंसिंग प्राधिकारी अथवा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा नवीनीकरण पर निर्णय लेते हुये संबंधित इच्छुक अनुज्ञापी को संबंधित अनुज्ञापन की वर्ष 2024-25 हेतु निर्धारित लाइसेंस फीस धनराशि 03 कार्य दिवस के अंदर जमा करने का निर्देश दिया जायेगा। प्रतिभूति धनराशि के अंतर की धनराशि अनुज्ञापी द्वारा नवीनीकरण की स्‍वीकृति की तिथि से 15 दिन तक जमा की जा सकेगी।

प्रतिभूति का अंतर निर्धारित अवधि तक न जमा करने पर ₹ 2,000/- प्रति दिवस की दर से अर्थ दण्ड आरोपित होगा। अर्थ दण्ड सहित मात्र 15 दिवस की अवधि प्रतिभूति का अंतर जमा करने हेतु अनुमन्य होगी और इस अतिरिक्त अवधि में भी प्रतिभूति का अंतर जमा न करने पर नवीनीकरण निरस्त कर दिया जायेगा।

(3) अनुज्ञापी द्वारा उपरोक्तानुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करने अथवा प्रतिभूति के अंतर की धनराशि अनुमन्य समयांतर्गत न जमा करने अथवा उसके द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र का पालन न करने पर उसका नवीनीकरण निरस्त कर दिया जायेगा तथा उसकी वर्ष 2024-25 की प्रतिभूति का 50 प्रतिशत एवं वर्ष 2025-26 की नवीनीकरण फीस राज्य सरकार के पक्ष में जब्त कर ली जायेगी।

5.12.3 थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2 एवं एफ.एल.-2बी) के आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस

   2025-26 हेतु थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2 एवं एफ.एल.-2बी) हेतु आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस ₹1,50,000/-(रुपया एक लाख पचास हजार मात्र) निर्धारित की जाती है।

5.12.4  थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2, एफ.एल.-2बी) की नवीनीकरण फीस

   वर्ष 2025-26 हेतु थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2, एफ.एल.-2बी) की नवीनीकरण फीस रूपया 1,50,000/-निर्धारित की जाती है। थोक अनुज्ञापनों के नवीनीकरण हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पत्रों पर प्रासेसिंग फीस देय नहीं होगी।

5.12.5  थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2, एफ.एल.-2बी) की स्‍वीकृति

   (क) वर्ष 2025-26 हेतु थोक अनुज्ञापनों की स्‍वीकृति संगत नियमावली के प्राविधानों के अनुसार अर्ह आवेदकों के पक्ष में की जायेगी।

   (ख) एफ.एल.-2बी अनुज्ञापनों पर वाइन की बिक्री भी अनुमन्य की जाती है।

   (ग) एफ.एल.-2 अनुज्ञापनों पर एल.ए.बी. की बिक्री भी अनुमन्य की जाती है।

   गत वर्ष की भॉति आवेदक को वैध हैसियत प्रमाण पत्र अथवा अधिकृत आयकर वैलुअर द्वारा निर्गत धारित सम्पत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। थोक अनुज्ञापन हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पत्र निरस्‍त किये जाने अथवा वापस लिये जाने की स्थिति में इस संबंध में जमा की गयी धनराशियों की वापसी के अनुरोध मान्‍य नहीं होंगे।

5.12.6  थोक अनुज्ञापनों (सी.एल.-2, एफ.एल.-2, एफ.एल.-2बी) की लाइसेंस फीस और प्रतिभूति

   (क) थोक अनुज्ञापनों की वर्ष 2025-26 की लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति निम्‍नानुसार निर्धारित की जाती है:- 

क्र.सं. थोक अनुज्ञापन का प्रकार जिला का नाम जहाँ स्‍वीकृत होगा। वर्ष 2025-26  

हेतु अनुज्ञापन शुल्क 

(₹)

1 सी.एल.-2 चित्रकूट, बागपत, शामली, कौशाम्बी, श्रावस्ती 11,00,000/-
2 सी.एल.-2 अमेठी, हाथरस, बलरामपुर 16,00,000/-
3 सी.एल.-2 अन्य जिला 29,00,000/-
4 एफ.एल.-2 वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, गाजियाबाद,  गौतमबुद्धनगर, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मथुरा 37,00,000/-
5 एफ.एल.-2 गाजीपुर, जौनपुर, बलिया, आजमगढ, देवरिया, कुशीनगर, बिजनौर, बुलन्दशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद। 29,00,000/-
6 एफ.एल.-2 उपरोक्त जनपदों को छोड़कर प्रदेश के शेष जिला 21,00,000/-
7 एफ.एल.-2बी कौशाम्बी, श्रावस्ती, पीलीभीत, महोबा, हमीरपुर, 

चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, बहराइच, बलरामपुर, एटा,

 हाथरस, कन्नौज, औरैया, रामपुर, संभल, शाहजहाँपुर एवं शामली।

8,00,000/-
8 एफ.एल.-2बी सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, संत रविदासनगर, प्रतापगढ़, 

फतेहपुर, संतकबीरनगर, अमेठी, हरदोई, कासगंज, 

मैनपुरी, फर्रूखाबाद, कानपुर देहात, बदायॅू, अमरोहा,

बागपत, बांदा, जालौन, ललितपुर।

12,00,000/-
9 एफ.एल.-2बी उपरोक्त जनपदों को छोड़कर प्रदेश के शेष जिला 17,00,000/-

        प्रतिभूति धनराशि लाइसेंस फीस का 10 प्रतिशत निर्धारित की जाती है। 

प्रतिभूति अथवा प्रतिभूति का अंतर ई-बैंक गारण्टी के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा। नवीनीकृत अनुज्ञापनों के प्रकरणों में पूर्व से जमा प्रतिभूति तब तक मान्य होगी जब तक उसकी वापसी न कर दी गयी हो। प्रत्येक अनुज्ञापी को यह विकल्प प्राप्त होगा कि वह अपने अनुज्ञापन के संबंध में प्रतिभूति के रूप में ई-बैंक गारण्टी जमा कर अपनी पुरानी प्रतिभूति (जो सावधि जमा रसीद अथवा राष्ट्रीय बचत पत्र अथवा नगद के रूप मे जमा हुयी हो और विभाग के पास सुरक्षित हो) की वापसी की मांग करे। ऐसी स्थिति में भुगतानकर्ता अधिकारी द्वारा तत्काल भुगतान/वापसी की कार्यवाही की जायेगी।   

   (ख) मध्य सत्र में थोक अनुज्ञापनों की स्वीकृति के प्रकरणों में त्रैमासिक आधार पर लाइसेंस फीस ली जायेगी। जिस त्रैमास में अनुज्ञापन स्‍वीकृत किया जायेगा, उस त्रैमास की भी फीस ली जायेगी। 

5.12.7  सी.एल.-2, एफ.एल.-2 एवं एफ.एल.-2 बी अनुज्ञापनों से अन्य जिला की आपूर्ति हेतु अतिरिक्त लाइसेंस फीस

   देशी मदिरा, विदेशी मदिरा एवं बीयर की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये अन्य जिला के सी.एल.-2, एफ.एल.-2 एवं एफ.एल.-2बी अनुज्ञापी से आपूर्ति के संबंध में वर्ष 2020-21 में की गयी व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 हेतु यथावत रखा जाता है।

5.13 ब्राण्ड पंजीकरण एवं लेबुल अनुमोदन

5.13.1 (क) ब्रांड पंजीकरण एवं लेबुल अनुमोदन/नवीनीकरण के संबंध में वर्ष 2024-25 में लागू व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है तथा वर्ष 2025-26 में किसी ब्राण्ड के पंजीकरण/नवीनीकरण हेतु ट्रेड मार्क पंजीकरण प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं होगा।

   (ख) यदि किसी मदिरा ब्राण्ड के लेबिल/एम.आर.पी. के अनुमोदन के दौरान अथवा बाद में आबकारी विभाग को यह प्रतीत होता है कि भविष्य में इसके संबंध में कोई विवाद उत्पन्न हो सकता है अथवा उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तब लेबिल/एम.आर.पी. अनुमोदन के संबंध में आबकारी आयुक्त द्वारा निर्णय लिया जा सकेगा।

   (ग) यदि किसी आयातक इकाई द्वारा समुद्रपार आयातित विदेशी मदिरा के 1200 नग एवं समुद्रपार आयातित बीयर के 1500 नग (प्रत्येक धारिता को सम्मिलित करते हुये) तक ही बिक्री करने का शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाता है तब ब्राण्ड पंजीकरण की फीस ₹30,000/- प्रतिब्राण्ड होगी। यह व्यवस्था प्रथम आवत प्रथम पावत सिद्धांत के तहत अधिकतम 02 आयातक इकाइयों को ही अनुमन्य होगी। इससे अधिक की बिक्री होने पर ब्राण्ड पंजीकरण की फीस प्रस्तर- 5.13.2 की तालिका के अनुसार ली जायेगी। इस श्रेणी में वर्ष 2024-25 में पंजीकृत ब्राण्डों का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा। यदि कालांतर में उक्त श्रेणी के किसी पंजीकृत ब्राण्ड का सामान्य श्रेणी में पंजीकरण कराया जाता है तब पूर्व में इस श्रेणी के पंजीकृत ब्राण्ड का सामान्य पंजीकरण शुल्क वसूल किया जायेगा। 

() पैरामिलिट्री की आपूर्ति हेतु मदिरा के लेबिलो पर, सी.एस.डी. आपूर्ति के लेबिलों पर अपेक्षित लीजेण्‍ड में, यथा स्‍थान पैरा‍मिलिट्री शब्‍द अंकित किया जाना अनिवार्य होगा। 

() लेबिलों की संख्‍या के संबंध में पृथक से आदेश आबकारी आयुक्‍त द्वारा जारी किये जायेंगे तथा इस संबंध में आबकारी आयुक्‍त का निर्णय अंतिम होगा।

() सी.एस.डी. अथवा पैरामिलिट्री को मदिरा की आपू‍र्ति के मामलों में इन संस्‍थाओं के सक्षम स्‍तर से अनुमोदित धारिताओं में ब्राण्‍ड पंजीकरण/लेबिल अनुमोदित किये जा सकेंगे तथा तदनुसार प्रतिफल शुल्‍क का निर्धारण भी किया जायेगा। इस हेतु सक्षम स्‍तर का निर्धारण संबंधित विभाग से आबकारी आयुक्‍त द्वारा कराया जायेगा।

(छ) गत वर्ष 2024-25 में किसी पंजीकृत ब्राण्ड के लेबिल में यदि कोई परिवर्तन न होने का शपथ-पत्र आपूर्तक/उत्पादक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है तब ऐसे ब्राण्ड-लेबिल के स्वत: ऑनलाइन नवीनीकरण की सुविधा प्रदान की जायेगी।

5.13.2 ब्राण्ड पंजीकरण एवं लेबुल अनुमोदन फीस

   (1) वर्ष 2025-26 हेतु ब्राण्‍ड पंजीकरण एवं लेबुल अनुमोदन फीस निम्‍नानुसार निर्धारित की जाती है:-          

क्र.सं.   मदिरा का प्रकार ब्राण्ड पंजीकरण  फीस 

(रुपये में)

लेबुल अनुमोदन फीस

(रुपये में)

1.   देशी मदिरा 1,00,000    1,00,000   
2. भारत निर्मित मदिरा
  विदेशी मदिरा 1,25,000 1,25,000
  ख(1) यू.पी. निर्मित बीयर (ख(2) को छोड़कर) तथा यू.पी. के बाहर निर्मित बीयर 75,000 75,000
ख(2) यू.पी. निर्मित बीयर (500 पेटी तक) 15,000 15,000
  ग(1) वाइन (यू.पी.निर्मित) 1,100 1,100
ग(2) वाइन (यू.पी.निर्मित को 

छोड़कर)

10,000 10,000
  एल.ए.बी. 20,000 20,000
3. अन्य देशों से आयातित मदिरा
  विदेशी मदिरा 1,50,000 लेबुल अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
  बीयर 75,000
  वाइन 10,000
  एल.ए.बी. 20,000
4. अन्य देशों, प्रदेशों को निर्यातित मदिरा
  क(1) विदेशी मदिरा (क(2) को छोड़कर) ब्राण्ड पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है 6,00,000
क(2) विदेशी मदिरा                 (सभी धारिताओं को सम्मिलित करते हुये 1200 नग तक) 5,00,000
  ख(1) बीयर (ख(2) को छोड़कर) 6,00,000
ख(2) बीयर                                (सभी धारिताओं को सम्मिलित करते हुये 1500 नग तक) 5,00,000
  वाइन 1,00,000
  एल.ए.बी. 6,00,000

नोट:- (1) ब्राण्ड एवं लेबुल के नवीनीकरण हेतु भी उपरोक्तानुसार फीस ली जाएगी।

(2) 2 ख(2) तथा 4क(1) एवं ख(2) में प्रस्तर-5.13.1(ग) में उल्लिखित शपथ पत्र तथा अन्य प्राविधान भी लागू होंगे। 

(2) वर्ष 2024-25 में पंजीकृत ब्राण्डों के नवीनीकरण एवं एम.आर.पी. के अनुमोदन माह 31 मई, 2025 तक ही सामान्यत: कराये जा सकेंगे। दिनांक 01 जून 2025 से 30 जून 2025 तक नवीनीकरण कराये जाने की स्थिति में 1.5 गुना नवीनीकरण फीस ली जायेगी। दिनांक 01 जुलाई 2025 के पश्चात 02 गुना नवीनीकरण फीस ली जायेगी। ऐसे ब्राण्ड जिनका नवीनीकरण उक्त व्यवस्था के अनुसार नहीं कराया गया होगा, उनका नये ब्राण्ड के रूप में पंजीकरण वर्ष 2025-26 में अनुमन्य नहीं होगा।

(3) सी.एस.डी. अथवा पैरा‍मिलिट्री की आपूर्ति हेतु ब्राण्ड पंजीकरण तभी अनुमन्य होंगे जब इन ब्राण्डों का पंजीकरण और एम.आर.पी. का अनुमोदन सिविल आपूर्ति हेतु करा लिया गया हो।

(4) भारत निर्मित विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन और एल.ए.बी. के ब्राण्डों के वैरियेंट की एम.आर.पी. अनुमोदन के संबंध में आबकारी आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा।

(5) यदि भारत सरकार अथवा प्रदेश सरकार अथवा केन्द्र शासित राज्य के नियंत्रणाधीन किसी सक्षम संस्था द्वारा अपने नियमों के अधीन किसी पंजीकृत लेबिल में कोई परिवर्तन किये जाने का निर्देश दिया जाता है तब उत्पादक द्वारा उक्त के अनुपालन में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जाने वाले संशोधित लेबिल की अनुमोदन फीस नहीं ली जायेगी।  

5.15 अन्‍य

5.15.1(1) देशी मदिरा, कम्पोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स, भांग एवं प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड्स से बिक्री का समय

     वर्ष 2025-26 में देशी मदिरा, कम्पोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स एवं भांग दुकानों की कार्यावधि गत वर्ष की भाँति प्रात: 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक रहेगा।

 (क) माल में संचालित प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड की कार्यावधि वही होगी जो माल की संचालन अवधि होगी।          

 (ख) प्रदेश के एअरपोर्ट्स के परिसर के मुख्य भवन के अंदर संचालित प्रीमियम रिटेल वेण्ड्स अनुज्ञापनों की संचालन अवधि वही होगी जो एअरपोर्ट की संचालन अवधि होगी।

 (2) वर्ष 2025-26 हेतु एफ.एल.-16 अनुज्ञापनों का वार्षिक अनुज्ञापन शुल्‍क ₹1,00,000/- तथा एफ.एल.-17 अनुज्ञापनों का वार्षिक अनुज्ञापन शुल्‍क ₹ 50,000/- निर्धारित किया जाता है। नवीनीकरण की स्‍थिति में भी उपरोक्‍त दर से अनुज्ञापन शुल्‍क जमा कराया जाएगा।

(3) प्रदेश में विकृत सुरा अथवा विशेष विकृत सुरा की उपलब्‍धता न होने की स्‍थिति में ही इनके आयात की अनुमति आबकारी आयुक्‍त द्वारा दी जायेगी। अन्‍य देय नियमानुसार जमा कराये जाएगे। 

(8) (क) ई-लॉटरी पोर्टल पर मोबाइल नं., पैन करेक्शन इत्यादि हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस ₹2,000/- निर्धारित की जाती है। यह व्यवस्था आबकारी नीति वर्ष 2025-26 के प्रख्यापन की तिथि से ही लागू होगी।

   (ख) बाण्ड अनुज्ञापनों के अधिकृत प्रतिनिधि का नाम परिवर्तन अथवा चौहद्दी परिवर्तन अथवा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण संबंधी आवेदन पत्रों के साथ प्रासेसिंग फीस के रूप में ₹10,000/- का चालान संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। 

   (ग) जिला स्तरीय थोक अनुज्ञापनों की चौहद्दी परिवर्तन/विक्रेता परिवर्तन के ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदन पत्रों की प्रासेसिंग फीस ₹5,000/- होगी।

(11) वैयक्तिक होम लाइसेंस के स्थानांतरण हेतु सुसंगत अभिलेखों सहित प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर आवश्यक जॉचोपरांत स्वीकृति प्रदान की जायेगी। अंतर्जनपदीय स्थानांतरण हेतु प्रार्थना पत्र अपर आबकारी आयुक्त (लाइसेंसिंग एवं औद्योगिक विकास) के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे जिनके द्वारा आवश्यक जांच कराते हुये और संबंधित जिला आबकारी अधिकारियों की संस्तुति के आलोक में यथोचित निर्णय लिया जायेगा।

(12) इच्छुक फुटकर और थोक अनुज्ञापी द्वारा अनुज्ञापन के नामांतरण के संबंध में एक नामिनेशन शपथ पत्र और प्रथम नामिनी का सहमति शपथ पत्र भी नवीनीकरण/ ई-लाटरी हेतु आवेदन करते समय अपलोड किया जाना अनिवार्य किया जाता है जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय आदि वरीयता क्रम में अपने वारिसों/परिवार के सदस्यों/निकट संबंधियों का नाम, आधार नम्बर, संबंध आदि का उल्लेख किया जा सकता है। मृत्यु के प्रकरणों में सर्वप्रथम नॉमिनेशन शपथ पत्र के अनुसार प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों का संज्ञान लिया जायेगा अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त नामिनेशन नोटेराइज्ड शपथ पत्र एवं सहमति शपथ पत्र लाइसेंस प्राधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत किया जायेगा जिसका प्रारूप संलग्नक-4 है।

(13) यदि किसी नये ब्राण्ड-लेबिल के पंजीकरण/अनुमोदन की तिथि से एम.आर.पी. अनुमोदन हेतु 03 माह तक ई.डी.पी./ ई.बी.पी./ई.डब्लू.पी./ई.सी.बी.वी. प्रस्तुत नहीं की जाती है तब ब्राण्ड-लेबिल का अनुमोदन निरस्त कर दिया जायेगा।  

(15) भुगतान वापसी के प्रकरणों में कोषवाणी की वेबसाइट में प्रदर्शित सूचना के आधार पर चालानों का विभाग द्वारा किया गया सत्यापन पर्याप्त माना जायेगा। संबंधित कोषागार से चालानों का अनिवार्य रूप से सत्यापन कराये जाने की प्रक्रियागत अनिवार्यता नहीं होगी। 

(16) अगले वर्ष के नवीनीकरण हेतु धनराशियों को जमा करने के पश्चात यदि किसी लाइसेंसी की मृत्यु हो जाती है और उसके किसी विधिक वारिस अथवा नामनिर्देशिती द्वारा अनुज्ञापन के संचालन हेतु प्रार्थना पत्र नहीं दिया जाता है अथवा किसी वारिस/नामनिर्देशिती को इस हेतु उपयुक्त नहीं पाया जाता है तब नवीनीकरण हेतु जमा धनराशियों (प्रासेसिंग फीस को छोड़कर) विधिक वारिस को वापस कर दिया जायेगा।  

(17)(क) पूर्व वर्षों से नवीनीकृत होती आ रहीं दो लाइसेंसियों वाली दुकानों/प्रीमियम रिटेल वेण्ड के प्रकरणों में नवीनीकरण के पूर्व ही किसी एक लाइसेंसी की मृत्यु हो जाने और उसके विधिक वारिस अथवा नामनिदेशिती द्वारा प्रार्थना पत्र न दिये जाने अथवा उन्हें अनुपयुक्त पाये जाने की स्थिति में आवेदन पत्र प्राप्त होने पर दूसरे जीवित लाइसेंसी के पक्ष में वर्ष 2025-26 हेतु दुकान की संपूर्ण प्रतिभूति, निर्धारित तिथि तक जमा करने के प्रतिबंध के साथ दुकान का नवीनीकरण किया जाना अनुमन्य होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति पर वर्ष 2024-25 हेतु जमा प्रतिभूति नियमानुसार वापस की जायेगी। 

(17)(ख) पूर्व वर्षों से नवीनीकृत होती आ रहीं दो जीवित लाइसेंसियों वाली दुकानों/प्रीमियम रिटेल वेण्ड का नवीनीकरण दोनों ही लाइसेंसियों के मध्य नवीनीकरण हेतु सहमति की दशा में ही किया जायेगा। सहमति न होने की दशा में नवीनीकरण किया जाना अनुमन्य नहीं होगा।

(22) मदिरा/भांग की फुटकर दुकानों की वर्ष 2024-25 की चौहद्दी परिवर्तन किये बिना यदि उनके नाम परिवर्तन की आवश्यकता पायी जाती है तब इस स्थिति में जिला कलेक्टर/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा दुकान के नाम को परिवर्तित किया जा सकेगा। दुकानों की प्रास्थिति( जिससे नाम परिवर्तन हो) में कोई परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा।

(23) प्रदेश में मदिरा की आपूर्ति में कठिनाई के दृष्टिगत, यथावश्यकता आबकारी आयुक्त द्वारा प्रदेश एवं देश के बाहर निर्यात की अनुमति के प्रार्थना पत्रों को अस्वीकार किया जा सकेगा।

(28) फुटकर एवं थोक अनुज्ञापनों पर विक्रेताओं के अनुमोदन हेतु ₹500/- जमा करने पर नौकरनामा संबंधित जिला आबकारी अधिकारी द्वारा निर्गत किया जायेगा।

(29) फुटकर दुकानों एवं बार अनुज्ञापनों में मदिरा बिक्री की समयावधि, विशेष अवसरों पर, एक विनिश्चित अवधि तक, परिवर्तित करने का अधिकार, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, आबकारी विभाग को दिया जाता है।

(30) त्रुटिपूर्ण कोषागार शीर्षक में जमा किये गये चालानों की धनराशि को सही शीर्षक में पोर्टल पर प्रविष्टि कराने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों के साथ ₹1,500/- का प्रासेसिंग फीस के रूप में जमा किया गया चालान प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

(32) मॉडल शॉप एवं प्रीमियम रिटेल वेण्ड तथा बार अनुज्ञापनों को बी.आई.ओे.-1 अथवा बी.आई.ओ.-1ए से सीधे मदिरा क्रय किया जाना अनुमन्य होगा परन्तु ऐसी आपूर्ति के मामलों में बार अनुज्ञापनों को छोड़कर थोक अनुज्ञापन का मार्जिन राजकोष में जमा किया जाना अनिवार्य होगा। बार अनुज्ञापनों के मामले में थोक तथा फुटकर अनुज्ञापनों, दोनो का मार्जिन राजकोष में जमा किया जाना अनिवार्य होगा। 

(33) प्रीमियम रिटेल वेण्ड पर विक्रय हेतु अनुमन्य एसेसरीज़ में टानिक वाटर और काकटेल मिक्सर्स सम्मिलित होंगे परन्तु ऐसे नान एल्कोहलिक पेय पदार्थ अनुमन्य नहीं होगें जिनके ब्राण्ड के नाम, पैकिंग, लेबिल आदि किसी मदिरा ब्राण्ड से मिलते जुलते हों और उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना हो। विवाद की स्थिति में आबकारी आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा। मॉडल शॉप पर भी उक्त एसेसरीज़ की बिक्री अनुमन्य होगी।

(34) प्रत्येक फुटकर दुकान पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा रखना अनिवार्य होगा।

(35) प्रीमियम रिटेल वेण्ड हेतु प्राविधानित माल की परिभाषा में में शॉपिंग/कॉमर्शियल कॉम्‍प्‍लेक्‍स भी सम्मिलित माने जायेंगे। यह प्राविधान प्रस्तर-5.5.2(5) उल्लिखित एफ.एल.-4डी दुकानों पर लागू नहीं होगा। 

(36) किसी मॉडल शॉप (एफ.एल.-4ए) एवं कम्पोजिट दुकान (एफ.एल.-5डीबी) से 200 मीटर की पथिक मार्ग से दूरी में कोई नवीन प्रीमियम रिटेल वेण्ड अनुज्ञापन स्वीकृत नहीं किया जायेगा परन्तु पूर्व से स्वीकृत प्रीमियम रिटल वेण्ड दुकानों पर यह प्राविधान लागू नहीं होगा। यह दूरी दोनो दुकानों के मुख्य द्वार के मध्य बिन्दु से पथिक मार्ग से मापी जायेगी। नगर निगम क्षेत्रों एवं गौतमबुद्धनगर के विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में यह दूरी 100 मीटर ही होगी।  

 (38) प्रीमियम रिटेल वेण्‍ड अनुज्ञापनों हेतु परिसर का स्‍थानांतरण किया जाना अनुमन्‍य होगा परन्‍तु इस प्रकार नवीन परिसर हेतु अनुज्ञापन के निर्गमन का प्रकरण प्रस्‍तर-5.15.1(36) से आच्‍छादित होगा।

(40) मदिरा की समस्‍त फुटकर दुकानों पर 02 सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाया जाना अनिवार्य किया जाता है। उक्त सी.सी.टी.वी. कैमरे फुटकर दुकानों के स्वयं के खर्चे पर इस प्रकार लगाये जायेंगे जिससे दुकान के अंदर और बाहर के दृश्य कैप्चर हो सकें। सी.सी.टी.वी. बंद पाये जाने पर जुर्माना आरोपित किया जायेगा। सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्थापना एवं संचालन में जानबूझ कर की गयी लापरवाही पाये जाने की दशा में अनुज्ञापी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

5.16 ईज आफ डूइंग बिजनेस

(1) (क) प्रदेश की आसवनियों/यवासवनियों/बॉण्‍ड अनुज्ञापनों/ एफ.एल.-1/1ए/ को आबकारी नीति 2025-26 की घोषणा की तिथि से दिनांक 31.07.2025 तक की अवधि हेतु मदिरा/बीयर आदि के अग्रिम भण्‍डारण हेतु यथावश्‍यकता अतिरिक्‍त अस्‍थाई गोदाम परिसर ₹1,00,000/-(रुपया एक लाख मात्र) के भुगतान पर आबकारी आयुक्‍त द्वारा स्‍वीकृत किये जायेंगे।

(ख) अनुज्ञापियों को दुकान आवंटन/नवीनीकरण के संबंध में प्राप्त पुलिस सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र सत्‍यापन रिपोर्ट में उल्लिखित तथ्‍यों पर जिलाधिकारी/लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा गुणदोष के आधार पर यथोचित निर्णय लिया जाएगा।

(ग) ₹3,000/- से अधिक एम.आर.पी.(प्रति बोतल) वाले भारत निर्मित विदेशी मदिरा के स्कॉच एवं सिंगल माल्ट ब्राण्डों की प्रदेश में बिक्री को प्रोत्साहित करने हेतु बी.डब्लू.एफ.एल.-2एए लाइसेंस भी प्रदान किये जायेंगे। यह लाइसेंस ऐसे व्यक्तियों/फर्मों/कम्पनियों को दिये जायेंगे जिनके पास संबंधित उत्पादकों के प्राधिकार पत्र होंगे। बी.डब्लू.एफ.एल.-2एए लाइसेंस की लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति बी.डब्लू.एफ.एल.-2ए की लाइसेंस फीस की 60 प्रतिशत के बराबर होगी। उक्त अनुज्ञापन में सभी वैरियेंट्स सहित अधिकतम कुल 10 ब्राण्डों की बिक्री ही अनुमन्य होगी।

(घ) यदि बार अनुज्ञापन हेतु आवेदन करने वाली किसी कम्पनी अथवा फर्म में प्रबंध निदेशक, निदेशक अथवा मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में कोई चिकित्सक सम्मिलित है तब वह आवेदक कम्पनी अथवा फर्म बार अनुज्ञापन हेतु अनर्ह नहीं होगी।

(ङ) जिला स्तरीय थोक अनुज्ञापनों हेतु अस्थाई रूप से प्रत्येक 02 माह हेतु अतिरिक्त परिसर की स्वीकृति ₹ 10,000/- के शुल्क के साथ अनुमन्य होगी जिसकी स्वीकृति जिला आबकारी अधिकारी द्वारा आबकारी आयुक्त के पूर्वानुमोदन के पश्चात प्रदान की जायेगी। इस सुविधा हेतु फुटकर अनुज्ञापनों को प्रत्येक 02 माह हेतु ₹ 2,000/- देना होगा जिसकी स्वीकृति जिलाधिकारी के पूर्वानुमोदन के पश्चात जिला आबकारी अधिकारी द्वारा प्रदान की जायेगी। 

(च) रात्रि में और अपने परिवहन पास की वैधता अवधि में जिला स्तरीय थोक अनुज्ञापनों पर पहॅुच गये पारेषणों को हर प्रकार से ठीक पाये जाने की दशा में संबंधित परिवहन पासों की वैधता बढ़ाये जाने का अधिकार जिला आबकारी अधिकारी को होगा। इस हेतु पोर्टल पर आवश्यक सुधार किये जायेंगे। परन्तु यह वैधता उस दिवस को 12:00 बजे मध्यान्ह तक ही बढ़ायी जायेगी।

(2) फुटकर दुकानों में परस्‍पर मासिक एम.जी.क्‍यू. अथवा निर्धारित मासिक/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्‍व का अंतरण

     चॅूकि कम्पोजिट दुकानों पर प्रथम बार यथास्थिति बीयर अथवा एफ.एल. का एम्.जी.आर. निर्धारित किया जायेगा अत: उक्‍त के संबंध में वर्ष 2024-25 की मासिक एम.जी्.क्‍यू. अथवा निर्धारित मासिक/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्‍व के अंतरण की व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 में इस संशोधन के साथ रखा जाता है कि कम्पोजिट दुकानों और मॉडल शॉप दुकानों के मध्य प्रत्याभूत राजस्व का अंतरण भी अनुमन्य होगा। कम्पोजिट दुकानों द्वारा अपने न्यूनतम निर्धारित यथास्थिति मासिक/त्रैमासिक एम.जी.आर.(एफ.एल.) और एम.जी.आर.(बीयर) के अधिकतम 30 प्रतिशत तक एवं मॉडल शॉप द्वारा भी अपने न्यूनतम निर्धारित मासिक/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्व के 30 प्रतिशत तक का अंतरण किया जाना अनुमन्य होगा। कम्पोजिट दुकानों  द्वारा किये जा रहे अंतरण के आवेदन पत्र में अंतरण की प्रकृति यथा एम.जी.आर.(एफ.एल.) अथवा एम.जी.आर.(बीयर) का उल्लेख होगा और इस अंतरण को प्राप्त करने वाली कम्पोजिट दुकान द्वारा तदनुसार ही विदेशी मदिरा अथवा बीयर का उठान किया जायेगा। परन्तु अंतरण प्राप्त करने वाली मॉडल शॉप द्वारा अपनी सुविधानुसार बीयर अथवा विदेशी मदिरा का उठान किया जा सकेगा। दो मॉडल शॉप में परस्पर होने वाले अंतरण की पूर्व व्यवस्था यथावत रहेगी। निर्धारित मासिक/त्रैमासिक प्रत्याभूत राजस्‍व का अनुमन्‍य सीमा तक ही अंतरण अनुमन्‍य होगा परन्तु अंतरण प्राप्त करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। मॉडल शॉप से अंतरण प्राप्त करने वाली कम्पोजिट दुकान द्वारा अपनी सुविधानुसार विदेशी मदिरा अथवा बीयर का उठान किया जा सकेगा।

(3) वर्ष 2021-22 में समुद्रपार आयातित विदेशी मदिरा एवं भारत निर्मित स्‍काच श्रेणी की विदेशी मदिरा की ऐसी बोतलों जिनका अधिकतम खुदरा मूल्य ₹2,000/- अथवा अधिक हो, के मोनोकार्टन को ही एक सील्ड पेटी अवधारित करते हुये बोतल एवं सील्ड पेटियों हेतु निर्धारित सुरक्षा कोड चस्पा किये जाने के उपरान्त बिक्री अनुमन्य की गयी है। उक्‍त व्‍यवस्‍था को वर्ष 2025-26 में यथावत रखा जाता है।

(8) वर्ष 2025-26 की आपूर्ति हेतु उत्‍पादन प्रारम्‍भ किये जाने एवं पर्याप्‍त आपूर्ति सुनिश्‍चित किये जाने के दृष्‍टिगत वर्ष 2024-25 हेतु आपूर्ति एवं 2025-26 से संबंधित इण्‍डेण्‍टों को लगाने की कट-आफ तिथि आबकारी आयुक्‍त द्वारा विनिश्‍चित की जायेगी। 

(9) पुलिस अथवा अन्य किसी संस्था द्वारा किसी भी फुटकर मदिरा/भांग दुकान अथवा थोक अनुज्ञापन का संचालन बिना लाइसेंस प्राधिकारी की पूर्वानुमति के बंद नहीं किया जायेगा अथवा उसे सील नहीं किया जायेगा। आबकारी विभाग के अधिकारी अथवा लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़कर अन्य किसी अधिकारी द्वारा अनुज्ञापित परिसर का निरीक्षण बिना लाइसेंस प्राधिकारी की अनुमति के नहीं किया जायेगा। आबकारी विभाग के अधिकारी और लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किये जाने वाले निरीक्षणों को छोड़कर प्रत्येक निरीक्षण कार्यवाही की अनिवार्यत: वीडियोग्राफी करायी जायेगी।

(12) State of Tamil Nadu rep by Sec. & Ors Vs K Balu & Anr3 में मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 23.02.2018 के अनुपालन में बार अनुज्ञापनों के प्रकरणों में किसी क्षेत्र के नगर निकाय के समतुल्य विकसित होने पर निर्णय लिये जाने का अधिकार जिला बार समिति का होगा और जिला बार समिति की संस्तुति पर आबकारी आयुक्त द्वारा तदनुसार आवश्यक आदेश निर्गत किया जायेगा। अन्य फुटकर दुकानों के प्रकरणों में निर्णय लिये जाने का अधिकार जिला कलेक्टर (लाइसेंस प्राधिकारी) को प्रदान किया जाता है। इस हेतु लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा यथावश्यकता स्थानीय अधिकारियों से आख्या प्राप्त की जा सकती है। 

(15) बॉण्‍ड अनुज्ञापनों द्वारा प्राप्त किये गये एक्साइज़ एढेसिव लेबिल्स का पैत्रिक इकाइयों तक परिवहन के विकल्पों, अपनायी जाने वाली प्रक्रिया एवं सुरक्षात्मक प्रबन्धों आदि के संबंध में आबकारी आयुक्त द्वारा गाइड लाइन जारी की जायेगी जिसका अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा। 

(16) प्रीमियम रिटेल वेण्ड के ऐसे आवेदक जो अन्य प्रदेश के निवासी हैं, को अपने प्रदेश से निर्गत सरकारी बकाया न होने से संबंधित अदेयता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने की अनिवार्यता नहीं होगी। ऐसे आवेदक को उसके ऊपर कोई सरकारी बकाया न होने का ₹100/- के नॉनजुडीशियल स्टैम्प पेपर पर एक नोटराइज्ड शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।  

(17) राजस्वहित में गौतमबुद्ध नगर के प्राधिकरण तथा औद्योगिक विकास क्षेत्रों यथा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, YEIDA एवं मण्डी समिति इत्यादि तथा प्रदेश के अन्य विकास प्राधिकरण, नगरीय स्थानीय निकाय एवं औद्योगिक क्षेत्रों एवं मण्डी समिति द्वारा उनकी भूमि पर अनुज्ञापियों को आवश्यकतानुसार मदिरा की दुकान परमानेंट अथवा प्री फैब्रीकेटेड स्ट्रक्चर में खोलने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की जा सकेगी कि वह स्थान उत्तर प्रदेश आबकारी दुकानों की संख्या एवं स्थिति नियमावली 1968 (यथासंशोधित) एवं इस संबंध में निर्गत मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूर्ण करता हो। इसका किराया संबंधित अर्बन बॉडी/प्राधिकरण को सीधे अनुज्ञापी से प्राप्त होगा। इस हेतु यदि संबंधित प्राधिकरण, औद्योगिक विकास क्षेत्र तथा विकास प्राधिकरण को अपने बाईलाज या नियमावली में परिवर्तन की आवश्यकता हो, वह उसे सक्षम स्तर से परिवर्तित करवायेंगे। 

(18) प्रदेश के विकास एवं औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में 20,000 वर्ग मीटर एवं उससे अधिक क्षेत्रफल के आईटी/आई टी ई एस भूखण्डों में संस्थागत सुविधाओ के अंतर्गत अनुमन्य रेस्टोरेंट कैंटीन के साथ-साथ रेस्टोरेंट बार तथा प्रीमियम रिटेल वेण्ड की सुविधा अनुमन्य किया जाता है।  

Vigyapti-year-2025-2026